दिव्यांग बच्चों की माता-पिता बन सेवा कर रहा गुजरात का युवा कपल, फ्री पढ़ाता और खिलाता है

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शारीरिक रूप से असक्षम बच्चों का जीवन आसान नहीं होता है. खासकर तक जब ये बच्चे बेसहारा और आर्थिक रूप से कमजोर हो. गुजरात का एक युवा कपल ऐसे ही दर्जनों बच्चों के माता-पिता बन उनका जीवन संवार रहा है. राजकोट के उपलेटा तालुका की किरण पिठिया और रमेश पिठिया साथ मिलकर गरीब और बेसहारा मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए एक विशेष संस्था चला रही हैं. 

अपनी संस्था के जरिए वो गरीब बच्चों को कई तरह की सेवाएं एकदम मुफ्त दे रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने 2016 में ‘दिव्य ज्योत दिव्यांग’ संस्था की शुरुवात की थी. जिस वक्त ये सफर शुरू हुआ, उस वक्त किरण की उम्र मात्र 25 साल थी. वो समाज सेवा में आने से पहले एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाया करती थीं. आगे जब उन्होंने संस्था बनाने का फैसला किया तो अपनी नौकरी छोड़ दी. 

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वहीं, रमेश ने नौकरी करना जारी रखा ताकि आर्थिक रूप से मदद कर सकें. शुरुआत में इस कपल ने 10 बच्चों के साथ अपने काम की शुरुआत की थी. इसके लिए उन्होंने एक घर को किराए पर लिया और बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाएं दीं. रमेश नियमित बच्चों को वोकेशनल ट्रेनिंग देने और पढ़ाने का काम करते हैं. वहीं किरण बच्चों की देखभाल के अलावा संस्था से जुड़े दूसरे काम देखती हैं. 

खास बात यह कि किरण-रमेश दोनों निसवार्थ भाव से संस्था का खर्च उठाते हैं. उनकी मेहनत का ही नतीजा है की आज उनकी संस्था को पहचान मिल रही है. उनके गांव सहित आस-पास के गांवों से भी उन्हें मदद मिल रही है. कुछ लोग अपने जन्मदिन पर तोहफे और पैसों की मदद करने लगे हैं. किरण और रमेश जैसे युवाओं की देश को जरूरत है ताकि दिव्यांग बच्चों को भी वो प्यार और सम्मान मिले जिसके वे हकदार हैं.