“आई एम ए बैड मैन” ये एक डायलॉग 90s में जब भी कोई सुनता था तो एक बुरे और बेरहम इंसान की शकल सबकी आँखों के सामने आ जाती थी. एक ऐसा इंसान जो फिल्मों में सिर्फ अपने बुरे रोल के लिए जाना जाता था. जो कभी लड़कियों को छेड़ता तो कभी हीरो के खिलाफ साजिश रचता.
ये विलन कितना ही बुरा क्यों न हो मगर इसकी मौजूदगी फिल्म को और मजेदार बना देती थी. ये फिल्मों का बैड मैन और कोई नहीं बॉलीवुड के फेमस विलन गुलशन ग्रोवर हैं. तो चलिए जानते हैं कि कैसे एक्टर बनने आया एक आम लड़का बॉलीवुड का प्रसिद्ध विलन बन गया.
थिएटर से मिला एक्टिंग का हुनर
दिल्ली में रहने वाले एक पंजाबी परिवार में 21 सितंबर 1955 को एक प्यारे से मासूम से बच्चे का जन्म हुआ. माता-पिता ने नाम रखा गुलशन. गुलशन ग्रोवर का जन्म शायद एक्टिंग के लिए ही हुआ था. वो बचपन के दिनों से ही अपनी एक्टिंग और हरकतों से लोगों का मनोरंजन किया करते थे. घर में वो फ़िल्मी किरदारों की तरह एक्टिंग करते और स्कूल में हर दूसरे नाटक में भाग लेते.
गुलशन ग्रोवर को एक्टिंग करना बहुत पसंद था मगर शुरुआत में ये उनके लिए महज़ एक शौक था. उन्होंने कभी भी यह नहीं सोचा था कि वह एक्टिंग को एक दिन अपना करियर बनाएंगे. वह तो बस अपने मजे के लिए नाटकों से जुड़ जाया करते थे.
स्कूल के उन छोटे-छोटे नाटकों ने कब गुलशन ग्रोवर को एक अच्छा एक्टर बना दिया उन्हें अंदाजा ही नहीं हुआ. स्कूल के बाद कॉलेज में भी उन्होंने यही शौक जारी रखा. वहीं उन्होंने पहली बार ‘Little Theater Group’ में काम किया जहाँ उन्हें पता चला कि एक्टिंग की दुनिया आखिर कितनी बड़ी है.
उस थिएटर ग्रुप में काम करने पर गुलशन ग्रोवर को अपनी एक्टिंग स्किल्स पता चली और साथ ही उन्होंने पहली बार अपनी एक्टिंग से पैसा भी कमाया. थिएटर में पैसा बहुत ज्यादा तो नहीं था मगर अपना खर्चा निकालने के लिए वो बहुत था.
जब थोड़े वक़्त बाद हर कोई थिएटर ग्रुप में उनकी तारीफ करने लगा तब उन्होंने पहली बार एक्टिंग को गंभीरता से लिया. कई लोगों ने उन्हें मुंबई जा कर एक्टर बनने को कहा. यही वो वक़्त था जब पहली बार उन्होंने अपनी कला को एक करियर में तब्दील करने का फैसला किया और मुंबई जाने के लिए तैयार हो गए.
गए थे एक्टिंग सीखने, बन गए टीचर!
आंखों में सपने और बैग में अपना सामान लिए गुलशन ग्रोवर मायानगरी मुंबई पहुँच गए. हर स्ट्रगलिंग एक्टर की तरह उन्होंने भी एक एक्टिंग स्टूडियो में दाखिला लिया. यूँ तो गुलशन ग्रोवर एक्टिंग सीखने मुंबई गए थे मगर उनकी किस्मत में तो कुछ और ही लिखा था.
दरअसल, सालों तक थिएटर में काम करने के बाद गुलशन ग्रोवर एक्टिंग में इतने कुशल हो गए थे कि एक्टिंग की हर बारीकी उन्हें मालूम थी. थोड़े ही समय में एक्टिंग स्टूडियो के टीचरों को भी उन्होंने अपना कायल बना लिया था. इतना ही नहीं जिस एक्टिंग स्टूडियो में वो एक्टिंग सीखने गए थे. कुछ महीने बाद वहीं पर उन्हें एक टीचर बना दिया गया था.
एक्टिंग स्टूडियो में गुलशन ग्रोवर एक्टिंग सिखाते और बाद में अपने स्टूडेंट्स के साथ ही ऑडिशन देने भी जाते. हर नए एक्टर की तरह उन्हें भी रोल पाने के लिए स्ट्रगल करना पड़ा. हालांकि, उनका स्ट्रगल बहुत ज्यादा दिन नहीं चला. थोड़े ही समय में उन्हें एक फिल्म में रोल मिल ही गया.
साल 1980 में आई बॉलीवुड फिल्म ‘हम पांच’ से गुलशन ग्रोवर ने बॉलीवुड में अपना डेब्यू किया. इस फिल्म में कई बड़े सितारे जैसे मिथुन चक्रवर्ती, संजीव कुमार, शबाना आजमी, नसीरुद्दीन शाह और अमरीश पूरी थे पर फिर भी गुलशन ग्रोवर ने फिल्म में अपनी धाक जमाई और अपनी एक अलग पहचान बनाई.
इस फिल्म के बाद ही मानो गुलशन ग्रोवर का सिक्का चल पड़ा. उन्हें फ़िल्में ऑफर होने लगी. हर कोई उनकी एक्टिंग से इतना प्रभावित था कि फिल्म में छोटा ही सही पर एक रोल उनके लिए रखने लगा था.
हॉलीवुड पर भी छोड़ा है अपना रंग
यूं तो गुलशन ग्रोवर हर तरह से रोल में खुद को ढालने का हुनर रखते थे मगर ये शायद उनकी किस्मत ही थी कि उन्हें सिर्फ नेगेटिव या विलन के रोल ही मिलते थे. हालांकि, उन्हें इसका कभी अफ़सोस नहीं हुआ. उन्हें जैसा भी रोल मिला वो उसे करते गए और देखते ही देखते विलन के रोल उनकी पहचान बन गए.
इतना ही नहीं उनके कई डायलॉग तो लोगों की ज़बान पर चढ़ गए जैसे मैडम माया तेरी तो मैं पलट दूंगा काया, जिंदगी का मजा तो खट्टे में ही है, बाय गॉड, दिल गार्डन गार्डन हो गया आदि.
बॉलीवुड में गुलशन ग्रोवर ने 400 से भी जायदा फिल्मों में काम किया है. उनके विलन के कई रोल यादगार बन गए हैं. नतीजा ये रहा कि आज सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं बल्कि हॉलीवुड तक लोग उनके हुनर से परिचित हैं. यही वजह है कि गुलशन ग्रोवर हॉलीवुड में भी काम कर चुके हैं. साल 1997 में ‘द सेकंड जंगल बुक’ के नाम से आई एक फिल्म से गुलशन ने अपना हॉलीवुड डेब्यू किया था.
‘विलन बनना है तो अच्छे एक्टर बनो’
गुलशन ग्रोवर ने विलन के रोल को इतने बेहतर तरीके से निभाया है कि हर कोई जानना चाहता है कि एक अच्छा विलन बनने के लिय आखिर क्या करना चाहिए. एक इंटरव्यू में जब गुलशन ग्रोवर के सामने ये सवाल आया तो उन्होंने एक ही चीज़ कही कि अगर आपको एक अच्छा विलन बनना है तो पहले एक अच्छा एक्टर बनना पड़ेगा.
गुलशन ग्रोवर का मानना है कि अच्छे लुक्स के साथ हीरो बनना आसान है पर विलन लुक्स से ज्यादा अपनी एक्टिंग और डायलॉग की वजह से जाना जाता है. हालांकि, अगर वैसे देखा जाए तो गुलशन ग्रोवर का मामला थोड़ा अलग था. वो भले ही विलन थे मगर वो फिल्मों में हमेशा स्टाइलिश ही दिखाई दिए. उनके कपडे, हाथों में सिगरेट और गाड़ी हमेशा उनके रोल का हिस्सा होते थे.
इतना ही नहीं असल जिंदगी में भी गुलशन ग्रोवर ने खुद को इतना मेंटेन किया हुआ है कि इतने सालों बाद भी वो एक-दम जवान लगते हैं. इतने सालों से गुलशन ग्रोवर दर्शकों का अपनी एक्टिंग से मनोरंजन कर रहे हैं. उन्होंने जितने भी रोल किए वो पूरी शिद्दत से किए. यही कारण ही कि आज भी उनके निभाए रोल लोगों को याद है. आप भी कमेंट सेक्शन में बताएं कि गुलशन ग्रोवर का कौन सा डायलॉग आपका पसंदीदा है.