दक्षिण अफ्रीका में भ्रष्टाचार के आरोपी भारतीय कारोबारी गुप्ता ब्रदर्स को संयुक्त अरब अमीरात में गिरफ्तार कर लिया गया है. दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने सोमवार को कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने गुप्ता परिवार के राजेश गुप्ता और अतुल गुप्ता को गिरफ्तार किया. इंटरपोल ने दोनों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. दक्षिण अफ्रीकी सरकार दोनों के प्रत्यर्पण की कोशिश में है.
गुप्ता ब्रदर्स करीब 24 साल पहले सहारनपुर से बिजनेस अवसर की तलाश में दक्षिण अफ्रीका गए थे. फिर वहां उनका कारोबार ऐसा फैला कि वो अब उस देश के टॉप टेन धनी कारोबारी परिवारों में शुमार हो गए. लेकिन उन पर हमेशा जुमा के नजदीकी होने और सियासी फायदे से कारोबार में आगे बढ़ाने का आरोप लगता रहा है.
दक्षिण अफ्रीका में भ्रष्टाचार संबंधी एक जांच रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि की है कि सरकारी उपक्रमों से अरबों रैंड की रकम लूटने के बाद देश से फरार हुए गुप्ता ब्रदर्स के मालिकाना हक बाले ‘द न्यू एज’ समाचार पत्र को पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के प्रभाव के कारण मदद पहुंचाई गई थी.
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले तीन गुप्ता बंधुओं अजय, अतुल और राजेश ने टीएनए शुरू किया था, जो जब बंद पड़ा है. ये तीनों भाई दुबई में रह रहे थे. दक्षिण अफ्रीकी प्राधिकारियों ने उनके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है, ताकि उनके खिलाफ आपराधिक आरोपों के संबंध में सुनवाई की जा सके.
क्यों गुप्ता ब्रदर्स के खिलाफ बना माहौल?
गुप्ता ब्रदर्स के खिलाफ मार्च में अचानक तब हवा बहने लगी, जब करीब 5 साल पहले देश के उप वित्त मंत्री ने मसोबीसी जोनास ने दावा किया कि गुप्ता ब्रदर्स ने ही मौजूदा पहले फाइनेंस मिनिस्टर नेने पद से हटाकर उन्हें इस पद पर बिठाने का भरोसा दिया था. इसके बाद जुमा सरकार संकट में आ गई. देश में गुप्ता ब्रदर्स के खिलाफ हवा बहने लगी. अजय पर ऐसे ही आरोप पहले भी लग चुके हैं. उन्होंने 2010 में भी एक सांसद को मंत्री बनवाने का आश्वासन दिया था. गुप्ता फैमिली पर दक्षिण अफ्रीका में बिजनेस हितों के लिए सरकार के अंदर मन मुताबिक भर्तियां करने का आरोप लगता रहा है.