Gurukul's Harshit cleared NEET and Divyanshi cleared GEE

गुरुकुल के हर्षित ने नीट तो दिव्यांशी ने जीईई की परीक्षा की उत्तीर्ण

सोलन के दो  विद्यार्थी ,  हर्षित गौतम  और ,  दिव्यांशी पंडित ने,  गुरुकुल  इंटरनेशनल स्कूल  सोलन का नाम, रौशन कर दिया  है  ।   हर्षित ने  नीट की परीक्षा पास की तो, दिव्यांशी ने जेईई  की परीक्षा में ,अच्छा रैंक हासिल किया। स्कूल प्रबंधन ने ,इस मौके पर विद्यार्थियों को, सम्मानित किया ,और  उनके मंगल भविष्य की कामना की। इस मौके पर , विद्यार्थियों के माता पिता ,भी बेहद खुश नज़र आए।  उन्होंने अपने बच्चों की, सफलता का श्रेय  ,बच्चों की लगन, और   गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल   से मिले , मार्गदर्शन  को दिया ।  उन्होंने कहा कि , स्कूल से समय समय पर , उनके बच्चों को आवश्यक दिशा निर्देश, दिए जाते थे ,उनका मार्गदर्शन किया गया ,जो उनके बेहद काम आया।  

इस मौके पर पर  हर्षित गौतम   ने , ख़ुशी जाहिर करते हुए बताया कि , उन्होंने 720 में से 604 अंक, हासिल किए हैं।  पहले वह आर्मी में जाना चाहते थे लेकिन ,नौवीं के बाद केवल डॉक्टर बनने का लक्ष्य ही, अपने सामने रखा। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, उन्होंने दिन रात मेहनत की।  जिसमें गुरुकुल स्कूल  के, अध्यापकों से  काफी मार्गदर्शन मिला। परिजनों में , ख़ास तौर पर उनकी माता का योगदान ,उनकी सफलता में बहुत अधिक रहा है।  उन्होंने कहा कि, वह अब न्यूरोसर्जन बनना चाहते है। ताकि भविष्य में, चल कर समाज की सेवा कर सकें।  
वहीँ  दिव्यांशी पंडित ने  बताया कि, वह उन्होंने कड़ी मेहनत की, तभी जा कर उन्हें जेईई की परीक्षा में, अच्छा रैंक मिल पाया है।  उन्होंने कहा कि ,उनकी सफलता से  उनके माता पिता बेहद खुश है।  दिव्यांशी ने बताया कि, उन्होंने पहली बार, इस तरह की परीक्षा को दिया, और पहली ही बार में ही , सफलता भी हासिल की, जिसके चलते वह बेहद खुश है। उन्होंने बताया कि, वह भविष्य में भी कड़ी मेहनत कर ,अपने माता पिता का नाम रौशन करना चाहती हैं । दिव्यांशी ने बताया कि, उन्हें कोडिंग में बहुत रुचि है, वह इसरो के लिए ,कार्य करना चाहती हैं ,जिसके लिए वह कड़ी मेहनत करेंगी। 
हर्षित गौतम के ,माता पिता अजय गौतम और रितु  गौतम ,इस मौके पर बेहद खुश नज़र आए।  उन्होंने कहा कि ,उनका बेटा शुरू से ही, बेहद मेहनती है और स्कूल में भी, उसका अच्छा प्रदर्शन रहा है।  उन्हें पूर्ण उम्मीद थी कि, उनका बेटा नीट की परीक्षा को, अच्छे नंबर से उत्तीर्ण कर लेगा।  जब उन्हें पता चला की , 16 लाख विद्यार्थियों में से ,हर्षित ने 17000 वां  रैंक हासिल किया है तो, उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।  उन्होंने कहा कि, लॉक डाउन में वह हर्षित की पढ़ाई को लेकर , बेहद चिंतित थे , लेकिन स्कूल ने उनके बच्चे का ,हर समय बेहद, मार्गदर्शन किया। यही वजह है कि, वह बेहद अच्छे नंबर लेकर, पहली बार में ही उत्तीर्ण हुआ है।