Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की पूजा के अधिकार, मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक को लेकर आज होगी सुनवाई

Gyanvapi shringar gauri case: ज्ञानवापी मस्जिद में वीडियोग्राफी के दौरान वजूखाने से शिवलिंग की एक आकृति मिली थी। हिंदू पक्ष ने इसे आदि विश्वेश्वर कहते हुए पूजा की मांग की थी वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्‍वारा बताया था। इसी मामले को लेकर याचिका दायर की गई, मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि पहले इसकी पोषणीयता पर बहस हो।

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद (gyanvpi masjid case) मामले में आज मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा करने के अधिकार, मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक और ज्ञानवापी परिसर में बने अवैध ढांचे को हटाने संबंधी मामले पर सुनवाई होनी है। इससे पहले 17 नवंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने इसे सुनवाई के योग्‍य (gyanvpi masjid shringar gauri) माना था। मुस्लिम पक्ष ने इसकी पोषणीयता पर बहस की अर्जी दाखिल की थी।

हिंदू पक्ष की याचिका के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने 7/11 के तहत (मामला सुनवाई योग्‍य है या नहीं) याचिका खारिज करने की मांग की थी। लेकिन पिछली सुनवाई पर फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज महेंद्र पांडे ने इस मामले को सुनवाई के योग्‍य मान लिया। इसके बाद कोर्ट ने इस केस में 2 दिसंबर की तारीख दी थी।

इस मामले में वादी किरण सिंह ने 24 मई को केस दाखिल किया था। इसमें वाराणसी के जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के साथ ही विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया था। बाद में 25 मई को जिला अदालत के न्यायाधीश ए. के. विश्वेश ने मुकदमे को फास्ट ट्रैक अदालत में ट्रांसफर कर दिया था। किरण सिंह ने अपनी याचिका में ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक, परिसर हिंदुओं को सौंपने के साथ ही परिसर में मिले कथित शिवलिंग की नियमित तौर पूजा-अर्चना करने का अधिकार देने का अनुरोध किया है।

इससे पहले, मई में अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था। सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में एक शिवलिंग जैसी आकृति पाई गई थी। हिंदू पक्ष ने इसे शिवलिंग बताते हुए कहा था कि इसके साथ ही आदि विश्वेश्वर प्रकट हो गए हैं। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्‍वारा बताया था।