Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद के बजू खाने में मिले कथित शिवलिंग के कार्बन डेटिंग को लेकर हिंदू पक्ष में ही दो फाड़ है। जहां एक पक्ष ने इस शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग उठाई वहीं दूसरे पक्ष ने इससे शिवलिंग खंडित होने का खतरा बताया। शुक्रवार को इस मामले में जज अजय कृष्ण विश्वेश अपना फैसला सुनाएंगे।
वाराणसी: श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन पूजन मामले में शुक्रवार यानि आज बेहद अहम दिन है। वादी पक्ष की 4 महिलाओं द्वारा ज्ञानवापी के वजू खाने में मिले कथित शिवलिंग के कार्बन डेटिंग के लिए याचिका दी गई थी। इस पर सुनवाई पूरी हो चुकी है, शुक्रवार को इस पर फैसला होना है।
कार्बन डेटिंग की मांग को लेकर दी गई याचिका के खिलाफ हिंदू पक्ष की ही मुख्य वादिनी राखी सिंह के वकील के द्वारा इसका विरोध किया गया था । जिसके बाद इस पर फैसला काफी रोचक मोड़ पर है।
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कार्बन डेटिंग को लेकर हिन्दू पक्ष में ही दो सुर
सिंगार गोरी नियमित दर्शन मामले में कुल 5 वादी महिलाएं हैं, जिनमें से चार वादी महिलाओं के वकील विष्णु शंकर जैन ने सर्वे के दौरान वजू खाने में मिले शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग के लिए याचिका दी थी। जिसका मुख्य वादिनी राखी सिंह के वकील ने आधिकारिक तौर पर विरोध किया था।
पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों के बीच जमकर बहस भी हुई थी सुनवाई पूरी होने के बाद जिला जज अजय कृष्ण विश्वास ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। रखी सिंह के वकील ने इस प्रक्रिया में शिवलिंग के क्षतिग्रस्त होने खतरा बतया साथ ही धार्मिक भावनाएं आहत होने का भी हवाला दिया।
सर्वे में वजुखाने में शिवलिंग मिलने का दावा
दरअसल इस मामले को लेकर कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराया गया था। सर्वे के दौरान मस्जिद के वजू खाने में एक शिवलिंग नुमा आकृति मिली थी। जिसे हिंदू पक्ष ने आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग बताया था ।मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा था। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन के मुताबिक वैज्ञानिक पद्धति से मिले कथित शिवलिंग की आयु की जांच के बाद इस मामले में नया मोड़ आ सकता है।