वाराणसी. ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में हिंदू पक्ष को कोर्ट से बड़ी राहत मिलने की खुशी मुस्लिम महिलाओं ने अनूठे ढंग से जताई तो भारत की गंगा जमुनी तहज़ीब मिसाल की तरह सामने आई. वाराणसी (Varanasi) स्थित काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मस्जिद केस (Gyanwapi Case) से जुड़े शृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन मामले में जिला जज की अदालत ने हिंदुओ के पक्ष में महत्वपूर्ण रुख ज़ाहिर करते हुए मुस्लिम पक्ष के दलीलों को खारिज कर इस केस को सुनवाई योग्य बताया. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत के इस आदेश के बाद न सिर्फ हिन्दू बल्कि बनारस की मुस्लिम महिलाओं में भी खुशी देखी गई.
ज़िला जज की अदालत के इस फैसले के बाद वाराणसी में मुस्लिम महिला फाउंडेशन से जुड़ी महिलाओं ने बैंड बाजे की धुन पर कोर्ट के आदेश का स्वागत किया और फिर भगवान शंकर की विधिवत पूजा अर्चना के बाद आरती उतारकर सांप्रदायिक सौहार्द्र और एकता की भावना का इज़हार किया फाउंडेशन के इस कार्यक्रम कुछ मुस्लिम महिलाएं बुर्का पहनकर भी आरती करती हुई नज़र आईं. साथ ही, इन महिलाओं ने देश की सांप्रदायिक फिज़ा और संस्कृति को बचाए रखने के लिए बड़ी अपील भी जारी की.
मुस्लिम महिलाओं ने की अपील
मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि बाहरी मुस्लिम आक्रांताओं ने भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब को खत्म करने के लिए मंदिरों को तोड़ा. अब इस मामले में आगे सुनवाई होने से साफ हो जाएगा कि वहां आदि विशेश्वर का प्राचीन मंदिर है, जिसे हिंदुओ को सौंप दिया जाना चाहिए. अंसारी ने कहा, ‘मुस्लिमों से हमारी अपील है कि वो आगे आएं और देश की तहज़ीब को बचाने के लिए विवादित धार्मिक स्थलों की जांच करवाएं और जिसका मालिकाना हक है उन्हें सौंप दें. हमारे पूर्वज भारतीय ही थे, बाहरी आक्रमणकारियों को मुसलमानों का पूर्वज नहीं कहा जाना चाहिए.’