मोबाइल एप से लिया था 40 हजार का लोन, फिर चुका नहीं पाया अमित, पढ़ें कैसे तबाह हो गया एक परिवार

इंदैर. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अमित यादव और उनके परिजनों की एक साथ हुई मौत पर अफसोस जताया है. इंदौर पहुंचे गृह मंत्री ने कहा कि यह बहुत मार्मिक वाकया है. मैंने इंदौर के पुलिस आयुक्त को इसकी बारीकी से जांच का निर्देश दिया हैं. उन्होंने कहा कि साइबर पुलिस को निर्देश दूंगा कि वह पता करे कि मोबाइल एप आधारित कर्ज की प्रक्रिया में कानूनी रूप से कोई आपत्तिजनक पहलू तो नहीं है. अगर ऐसा कोई पहलू मिला, तो हम उचित कदम उठाएंगे. गृह मंत्री के निर्देश के बाद मामले की जांच के लिए पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने एसआईटी गठित की है.

एसआईटी को एसीपी हीरानगर धैर्यशील येवले लीड करेंगे. वहीं डीसीपी क्राइम निमिष अग्रवाल को नोडल ऑफिसर बनाया है. मंगलवार को एक निजी दूरसंचार कंपनी में कार्यरत अजय यादव द्वारा मोबाइल एप के कर्ज के जाल में फंसने के चलते पत्नी और दो छोटे बच्चों को संदिग्ध तौर पर जहर देने और इसके बाद फांसी लगाकर कथित रूप से आत्महत्या करने के सनसनीखेज घटनाक्रम सामने आया था. यादव के सुसाइड नोट और मामले की शुरुआती जांच के हवाले से पुलिस ने बताया कि 35 वर्षीय अजय ने अलग-अलग मोबाइल एप से ऑनलाइन कर्ज ले रखा था और वह इसे चुका नहीं पा रहे थे.

महाकाल के दर्शन कर लौटा था परिवार
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि पुलिस को यह भी पता चला है कि यादव का परिवार उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद सोमवार रात अपने इंदौर स्थित घर लौटा था. एक निजी दूरसंचार कंपनी में काम करने वाले अमित यादव  का शव उनके घर में फांसी के फंदे पर लटकता मिला, जबकि उनकी पत्नी टीना , तीन वर्षीय बेटी याना और एक वर्षीय बेटे दिव्यांश के शव जमीन पर पड़े मिले

40 हजार रुपए का कर्ज, एक किश्त छूट गई थी
अजय के घर के पास रहने वाले एक दोस्त विशाल के मुताबिक अजय मूलत: सागर का रहने वाला था. सात साल पहले अजय अपने गृहनगर सागर चला गया था और वहां प्लास्टिक फैक्ट्री खोली थी. अमित ने टीना से लव मैरिज की थी. बेटी के जन्म के बाद वह परिवार के साथ इंदौर में रहने आ गया था. लॉकडाउन के बाद से वह ज्यादा परेशान था. बेटी ज्ञाना दो बार कोविड की चपेट में आई थी. अमित ने मोबाइल ऐप लोन से करीब 40 हजार लोन लिया था. वह लोन चुका भी रहा था लेकिन एक किस्त ड्यू हो गई थी, जिसका मैसेज 20 अगस्त को ही आया था. तब अमित ने 10 हजार रुपए की किस्त भरी थी. यह बात भी पता चली है कि अमित ने बेटी के इलाज के लिए लोन लिया था.