कुल्लू. सैंज घाटी के शेंशर सड़क में जंगला के समीप बस हादसे में 13 लोग काल का ग्रास बन गए. बस ड्राइवर की लापरवाही से ये हादसा हुआ. बताया जा रहा है कि सड़क पर लैंड स्लाइड होने की वजह सड़क तंग थी. लेकिन ड्राइवर ने इसके बावजूद बस को वहां से निकालने की कोशिश की.
इस दौरान बस का टायर सड़क के बाहर निकल गया. जिसके बाद बस सीधे 70 मीटर नीचे की सड़क में जा गिरी. जैसे ही बस गिरी, ड्राइवर गोपाल बस से दूर झाड़ियों में गिर गया. यात्रियों की चीख-पुकार सुनकर स्थानीय ग्रामीण घटना स्थल पर पहुंचे.
सबसे पहले बस ड्राइवर और कंडक्टर के साथ 1 अन्य व्यक्ति को बचाकर 108 एंबुलेंस में सैंज अस्पताल में पहुंचाया. घटना के बाद 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिसमें 3 छात्र भी शामिल थे. इनमें से एक आईटीआई, एक कॉलेज व एक 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा शामिल है.
दो लोगों की सैंज अस्पताल में ईलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि 1 व्यक्ति की कुल्लू क्षेत्रीय अस्पताल में मौत हुई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह सवा आठ बजे बस दुघनाग्रस्त हुई. 10 मिनट में कुछ ग्रामीण घटना स्थल पर पहुंचे, जहां यात्री बचाने के लिए आवाज लगा रहे थे
ग्रामीणों ने घर से लोहे की छड़ लेकर बस की चादरों को तोड़ कर लोगों को बाहर निकाला. डेढ़ घंटे तक प्रशासन की मशीनरी घटना स्थल पर नहीं पहुंची, जिसके कारण बस के नीचे दबे लोगों को निकालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
घटना स्थल पर सबसे पहले सैंज पुलिस की टीम पहुंची और ग्रामीणों के साथ रेस्कयू किया. बस के अंदर से फंसे 13 लोगों को कड़ी मशाक्कत के बाद बाहर निकाला. एक महिला को बस के नीचे से साढ़े 3 घंटे के बाद जिंदा बाहर निकाला लेकिन सैंज अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी मृत्यु हो गई. अगर समय रहते प्रशासन की मशीनरी घटना स्थल पर पहुंची होती मौतों की संख्या नहीं बढ़ती. इस हादसे ने प्रशासन के आपदा प्रबंधन के दावों की पोल खोल दी है
घटना के डेढ़ घंटे बाद भी प्रशासन की मशीनरी घटना स्थल पर नहीं पहुंची. इस कारण स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी और एसडीएम बंजार को ग्रामीणों का गुस्सा झेलना पड़ा. स्थानीय ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी बताया कि प्रशासन की लेटलतीफी के कारण बस के नीचे दब कर कई लोगों की मौत हुई है.