अख़बार बेचना पड़ा, सलून खोल नाई बन गए… आज रॉल्स रॉयस सहित 400 कारों के हैं मालिक

मेहनत और शौक ये दो ऐसे शब्द हैं जो परस्पर एक दूसरे पर टिके हैं. आदमी मेहनत करता है तो शौक पूरे करता है. या फिर आदमी शौक पूरे करने के लिए मेहनत करता है. ऐसी ही एक शख़्स हैं जो कभी अख़बार बेचकर गुजारा करते थे. बाद में बाल काटने की दुकान खोल ली. लेकिन, आज उनके पास 400 से ज़्यादा कारें हैं. इसमें रॉल्स रॉयस और मर्सडीज जैसी गाड़ियां भी हैं.

हम बात कर रहे हैं बेंगलुरु के रहने वाले रमेश बाबू की. उनके पिता नाई का काम करते थे. लेकिन, जब उनकी उम्र 7 वर्ष की थी, तभी उनका निधन हो गया. इसके बाद उनका परिवार सड़क पर आ गया. रहने को घर नहीं और खाने को भोजन नहीं.

इस बीच उनकी मां दूसरों के घर में बाई का काम करने लगीं. उनकी 40-50 रुपये महीने की कमाई होती थी. राम बाबू 13 साल के हुए तो उन्होंने अपनी मां को सपोर्ट करने लिए अखबार बांटना शुरू किया. घर की आमदनी में उनके योगदान से स्थिति थोड़ी बेहतर होने लगी. इसके बाद उन्होंने अपने पिता की दुकान भी संभालनी शुरू की.

जब पहली बार बाल काटें रमेश बाबू

उन्होंने अपने सलून का नाम ‘इनर स्पेस’ रखा. चूंकि उन्हें बाल काटने नहीं आते थे, इसलिए दो वर्कर रख लिए. ऐसे में जब वर्कर न आएं तो रमेश बाबू के ग्राहक वापस चले जाते थे. एक बार एक ग्राहक आया तो कोई भी वर्कर नहीं था. उसने रमेश बाबू को ही बाल काटने के लिए कह दिया. रमेश बाबू ने पहली बार बाल काटें और बेहतर काट दिए. ग्राहक ने उन्हें दोगुने पैसे दिए. 

इसके बाद से रमेश बाबू ने खुद हेयरकटिंग शुरू कर दी. देखते-देखते उनकी इनकम कई गुना बढ़ गई. आज स्थिति ये है कि वह सिंगापुर तक हेयरकटिंग कोर्स कर चुके हैं. 

 

रमेश बाबू को कार ख़रीदने का हमेशा से शौक था. उन्होंने अपने घर को गिरवी रखकर एक कार खरीदी. लोन की ईएमआई ज्यादा थी. ऐसे में उन्होंने कार को किराए पर देना शुरू कर दिया. ये काम उन्हें जंच गया. इसके बाद उन्होंने देखा कि बेंगलुरु में लग्जरी कार की बहुत डिमांड है. लोग किराए पर लेना चाहते हैं. ऐसे में उन्होंने इसके बाद लग्जरी कार ख़रीदनी शुरू कर दी. एक कार का लोन पूरा होते दूसरा कार ख़रीद लेते थे.

साल 2000 में उन्हें मर्सडीज इंडिया से एक कार ख़रीदने का ऑफ़र आया. उन्होंने वो कार ख़रीद ली. धीरे-धीरे उनका पूरा ट्रैवल बिजनेस खड़ा हो गया. आज उनके पास रॉल्स रॉयस घोस्ट से लेकर मर्सडीज मेयबैक जैसी लग्जरी कारें हैं. इसके साथ ही लग्जरी बस, एसयूवी, वैन और स्पोर्ट्स कार भी है.

 

बता दें कि करोड़ों का बिजनेस होने के बाद भी रमेश बाबू आज भी हेयरकटिंग का काम करते हैं. वह आज भी अपने सैलून में 150 रुपये में बाल काटते हैं.