उत्तराखंड के रुड़की में गंभीर दुर्घटना के शिकार हुए 174 इंजीनियर्स टीए के जवान राजकुमार पंचतत्व में विलीन हो गए। राजकुमार का पार्थिव शरीर का शुक्रवार को उनके पैतृक गांव सलौणी के श्मशान घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। बेटे राघव ने पिता को मुखाग्नि दी। अंतिम विदाई के मौके पर पूरा गांव और शहीद के रिश्तेदार श्मशान घाट पहुंचे।
बड़सर विधायक इंद्र दत्त लखन पाल और एसडीएम शशि पाल शर्मा भी मौजूद रहे। अंतिम संस्कार के समय शहीद अमर रहे के नारे भी लगे। इससे पहले शुक्रवार तड़के सलौणी गांव के शहीद नायक राजकुमार शर्मा की पार्थिव देह घर पहुंच गई थी। ऋषिकेश से उनकी देह यहां लाई गई। जालंधर से आई बटालियन के जवानों ने शहीद को अंतिम सलामी दी। परिजनों को देर रात ही उनके शहीद होने की सूचना मिली थी। हालांकि गांव के लोगों को सुबह ही इसकी जानकारी मिल गई थी।
पंचायत प्रधान अमिता शर्मा ने बताया है कि बीते रोज ही इसकी जानकारी मिल गई थी। बेटा जब घायल हुआ तो उनकी 62 वर्षीय माता कमला देवी भी उन्हें एम्स में देखने 2 दिन पहले ऋषिकेश पहुंची थीं। लेकिन राजकुमार की हालत खराब देखकर उन्हें वहां से घर भेज दिया गया था। स्थानीय विधायक इंद्र दत्त लखनपाल और प्रशासन की ओर से एसडीएम शशिपाल शर्मा ने राजकुमार के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित करके श्रद्धांजलि अर्पित की। जबकि, सेना की टुकड़ी ने सैन्य परंपराओं के साथ राजकुमार को अंतिम विदाई दी।
विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने राजकुमार के घर जाकर शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी तथा प्रदेश सरकार की ओर से पांच लाख रुपये के चेक प्रदान किए। इंद्र दत्त लखनपाल ने कहा कि दुख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार शोक संतप्त परिजनों के साथ है और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।
शहीद राजकुमार करीब 5 साल पहले जम्मू में एक आर्मी ऑपरेशन के दौरान गंभीर रूप से घायल भी हुए थे। तब उनकी टांग में गोली लगी थी। उनका काफी दिनों तक इलाज चला था। राजकुमार कभी हार न मानने वालों में सुमार थे। देश के प्रति लड़ने का उनका जज्बा उनके दोस्तों की जुबानी भी सुना जा रहा है।