नई दिल्ली. हार्दिक पंड्या को कुछ साल पहले कोई अंदाजा नहीं था कि उनका भविष्य क्या होगा लेकिन एक बार असफलता का भय निकल गया तो उन्हें अपना यह स्वरूप पसंद आने लगा. गेंदबाजी फिटनेस हासिल करने के लिए रिहैबिलिटेशन करने के बाद उन्होंने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की और नई टीम गुजरात टाइटन्स को इंडियन प्रीमियर लीग का खिताब दिलाया. इसके बाद भारत के लिए कुछ महत्वपूर्ण हरफनमौला प्रदर्शन किया.
बल्कि इस साल उनके दो सबसे महत्वपूर्ण प्रदर्शन में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ रहे जिसमें उन्होंने खेल के दोनों विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया. पंड्या से जब पीटीआई ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा भी समय था जब मैं नहीं जानता था कि हार्दिक के लिए अगली चीज क्या है. इसलिए मुझे अपनी सोचने की प्रक्रिया में काफी शामिल होना पड़ा और फिर मैंने खुद से पूछा, ‘‘आप जिंदगी से क्या चाहते हो?’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने असफलता का डर निकाल दिया और आगे क्या होने वाला है या फिर नतीजा क्या होगा, इससे परेशान नहीं होता कि लोग क्या कहेंगे लेकिन मैं लोगों की राय का सम्मान करता.’’
अगर पंड्या को करीब से देखें तो 2018-19 और अब 2022 में उनके रवैये में काफी अंतर दिखता है. पाकिस्तान के खिलाफ महत्वपूर्ण मुकाबले में पंड्या ने पहले 4 ओवर में 30 रन देकर तीन विकेट झटके.
इसके बाद जब भारतीय टीम 31 रन पर 4 विकेट खोकर संकट से जूझ रही थी तो उन्होंने 40 रनों की अहम पारी खेली. उन्होंने विराट कोहली (नाबाद 82) के सात मुश्किल समय में शतकीय साझेदारी भी निभाई.