हार्दिक पटेल ने थामा कमल, इससे बीजेपी को फ़ायदा होगा या कांग्रेस को?

2 जून 2022 को जब हार्दिक पटेल ने औपचारिक तौर पर बीजेपी का दामन थामा, एक अज्ञात युवा ने उन पर स्याही फेंकने की कोशिश की.

इससे पहले 19 अप्रैल 2019 में कांग्रेस में शामिल होने के बाद जब हार्दिक पटेल सुरेंद्रनगर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे, पटेल समुदाय से जुड़े एक युवा ने उन्हें स्टेज पर थप्पड़ मारा था. 8 अप्रैल 2018 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में उन पर काली स्याही फेंकी गई थी.

साल 2015 में राजनीतिक और सामाजिक रूप से पिछड़े पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर हुए आंदोलन से हार्दिक पटेल युवा नेता के तौर पर उभरे थे. उस वक्त से ही वो युवाओं की नाराज़गी का सामना करते रहे हैं.

 

2001 से (जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री चुने गए थे) प्रदेश और केंद्र में 2015 से लेकर 2022 तक बीजेपी सरकार का विरोध करने वाले हार्दिक पटेल गुरुवार को गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल, पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल और दूसरे नेताओं की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए.

बीजेपी का दामन थामते हुए हार्दिक पटेल ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी नेता जेपी नड्डा, सीआर पाटिल और भूपेंद्र पटेल देश के हित में कड़ी मेहनत कर रहे हैं. मैं उनके साथ ठीक वैसे काम करूंगा जैसे रामसेतु बनाते वक्त गिलहरी ने किया था.’