हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) के नेतृत्व में भारतीय महिला क्रिकेट टीम T20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में प्रवेश कर चुकी है. इसी के साथ हरमनप्रीत ने 150वां T20I मैच खेलने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. उनसे पहले किसी भी पुरुष या महिला खिलाड़ी ने इतने मैच नहीं खेले हैं.
हरमनप्रीत ने यह इतिहास रचते हुए एक और बड़ा रिकॉर्ड बनाया है. वो T20I में 3 हजार रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन चुकी हैं. वहीं पुरुष और महिला टीम में ऐसा कारनामा करने वाली वो तीसरे नंबर की भारतीय खिलाड़ी बनी हैं.
हालांकि यह मुकाम हासिल करने के लिए हरमनप्रीत ने काफी संघर्ष किया है.
शुरुआत में लड़कों के साथ खेला क्रिकेट
पंजाब के मोगा में 8 मार्च 1989 को जन्मीं हरमनप्रीत कौर अपने शुरुआती दिनों में लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं. उनके पिता हरमंदर सिंह भुल्लर कोर्ट में क्लर्क थे. वो भी एक खिलाड़ी थे, लेकिन उन्हें हालात ने वो मौक़ा नहीं दिया, जिससे वो अपने सपने को पूरा कर सके. लेकिन बेटी में उन्होंने खुद को देखा और उसे क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया.
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हरमनप्रीत ने भी खुद और पिता के सपने को साकार करने के लिए मेहनत करने लगीं. उनके पिता ने उनका दाखिला घर से 30 किलोमीटर दूर ज्ञान ज्योति स्कूल अकादमी में करा दिया. जहां कोच कमलदीश सिंह सोढ़ी का साथ मिला. उनकी निगरानी में वो क्रिकेट की बारीकियों को सीखने लगीं. जल्द ही वो एक बेहतरीन खिलाड़ी के तौर पर उभर कर सामने आईं और भारतीय सिलेक्टर्स की नजर उन पर पड़ी.
टीम इंडिया में डेब्यू के बावजूद उन्हें नौकरी नहीं मिली
एक मध्यम गति के गेंदबाज ऑलराउंडर के तौर पर उन्हें साल 2009 में टीम इंडिया में शामिल किया गया. उन्होंने टी20 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ अपना डेब्यू मैच खेला. परिवार उनकी इस बड़ी उपलब्धि पर काफी खुश था. वो देश के लिए खेल रही थीं.
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हालांकि, साल 2010 में जब उन्हें नौकरी की सख्त जरूरत थी तो पंजाब पुलिस में उनके आवेदन को लेकर मजाक उड़ाया गया. बहरहाल, उसके तीन साल बाद महाराष्ट्र सरकार ने पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की सिफारिश पर हरमनप्रीत कौर पश्चिम रेलवे मुंबई डिवीजन में नौकरी मिली थी.
शानदार प्रदर्शन के दम पर टीम में जगह पक्की की
बहरहाल, साल 2009 में भारतीय टीम में शामिल होने के बाद इनके लिए टीम में जगह बनाए रखना बहुत ही मुश्किल था. मुख्य गेंदबाज के रूप में झूलन गोस्वामी और अमित शर्मा जैसे दिगज्जों की उपस्थिति में इन्हें निराशाजनक दिन भी देखने पड़े. तभी हरमनप्रीत ने अपनी सारी उर्जा अपनी बल्लेबाजी को बेहतर करने में लगा दी और जल्द ही एक शानदार बल्लेबाज के रूप में उभर कर सामने आईं.
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हरमनप्रीत अपने पिता की सलाह पर एक ऑफ स्पिन गेंदबाज बन गईं और भारतीय टीम में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में खुद को स्थापित कर लिया. टीम में बने रहने के लिए उन्होंने कई बार शानदार प्रदर्शन करके खुद को साबित कर दिया था.
फिर बनी टीम इंडिया की कप्तान
साल 2012 में कप्तान मिताली राज और उप-कप्तान झूलन गोस्वामी चोटिल होने की वजह से टीम से बाहर हो गई थीं. उनकी जगह पर महिला टी20 एशिया कप फाइनल के लिए हरमनप्रीत को भारतीय टीम का कप्तान नियुक्त किया गया. साल 2013 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम के वनडे मैचों की कप्तान बनाई गईं. जब बांग्लादेश ने भारत का दौरा किया, तब हरमनप्रीत ने न सिर्फ अच्छी कप्तानी का मुजाहिरा किया, बल्कि उन्होंने पूरे सीरिज में 97.50 की शानदार औसत से 195 रन बनाए और 2 विकेट भी अपने नाम किए थे.
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आगे साल 2014 में वो मुंबई चली आईं. जहां भारतीय रेलवे में उनको नौकरी मिल गई. इसी साल टेस्ट मैच में डेब्यू करने का मौक़ा मिला.
कई उपलब्धियां हैं इनके नाम
हरमनप्रीत कौर साल 2016 में बिग बैश लीग में खेलने वाली पहली भारतीय बनीं. इन्हें सिडनी थंडर ने अपनी टीम में शामिल किया था. साल 2017 में हरमनप्रीत कौर को ‘ICC महिला T20I टीम ऑफ द ईयर’ घोषित किया. BCCI सीनियर विमेन सुपर लीग मैच में उनके प्रदर्शन को देखते हुए ACA विमेन अकादमी की तरफ से उन्हें ‘बेस्ट विमेन ऑलराउंडर’ के ख़िताब से नवाजा गया.
साल 2017 में ही तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा इन्हें प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
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पिछली राज्य सरकार में उनके साथ हुए अन्याय को पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने उन्हें पंजाब पुलिस में नौकरी पेशकश करते हुए कहा था कि वो राज्य की खेल नीति की समीक्षा करेंगी.
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साल 2018 में महिला टी20I में शतक लगाने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनीं. अगस्त साल 2020 में हरमनप्रीत को ‘फेमिना’ मैगजीन के कवर पेज पर जगह दी गई.
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ये आकड़े उन्हें बड़ा खिलाड़ी बनाती है
इस समय हरमनप्रीत कौर महिला टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की कप्तानी कर रही हैं. उनके नेतृत्व में टीम ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया है. हर भारतवासी को उनसे और उनकी टीम से काफी उम्मीदें भी हैं. वहीं उनके आकड़े उन्हें एक बड़ा खिलाड़ी बनाती है.
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हरमनप्रीत ने 124 वनडे में 3322 रन बनाए हैं. उस दौरान उनके बल्ले से 5 शतक और 17 अर्धशतक आए हैं. इसके अलावा 31 विकेट भी चटकाए हैं. वहीं टी20 के 150 मैचों में 3006 रन बना चुकी हैं. उनके नाम एक शतक भी है. साथ ही 9 अर्धशतक भी उनके बल्ले से आए हैं. साथ ही टी 20 में 32 विकेट अपने नाम कर चुकी हैं.