कैप्टन हरप्रीत चंडी (Captain Harpreet Chandi) ने इतिहास रच दिया है. 32 वर्षीय ब्रिटिश सिख आर्मी ऑफ़िसर कैप्टन हरप्रीत चंडी, दक्षिण ध्रुव (South Pole) तक अकेले ट्रैवल करने वाली भारतीय मूल की पहली महिला बन गई हैं. बिना किसी सहायता के कैप्टन हरप्रीत ने ये ट्रेक पूरा किया है.
कैप्टन चंडी ने लिखा कि ये एक्सपीडिशन सिर्फ़ उनके लिए नहीं था. वो चाहती हैं कि लोग अपनी हदों को पार कर जाएं और ख़ुद पर यक़ीन रखें. कैप्टन चंडी के शब्दों में, ‘मैं चाहती हूं आप रेबेल के टैग के बग़ैर वो सब हासिल करें. मुझ कई बार कहा गया है तुम नॉर्मल काम किया करो लेकिन हम अपना नॉर्मल ख़ुद तय करते हैं.’
Twitter/The Chief of The General Staff
The Indian Express की एक रिपोर्ट के अनुसार, कैप्टन चंडी ने बीते सोमवार को अपने लाइव ब्लॉग में ख़ुद सभी को ये ख़ुशख़बरी दी. 40 दिन में उन्होंने स्लेज को खिंचते हुए 1,127 किलोमीटर का सफ़र तय किया. डॉ. चंडी ने माइनस 40 डिग्री तापमान और 60 mph रफ़्तार से चलने वाली हवाओं का सामना करते हुए अपना लक्ष्य हासिल किया. कैप्टन चंडी ने 7 नवंबर, 2021 को अपने ऐतिहासिक ट्रिप की शुरुआत की थी
कैप्टन चंडी ने लिखा, ‘मैं साउथ पोल तक पहुंच गई, यहां बर्फ़बारी हो रही है. मैं एक साथ कई इमोशन्स महसूस कर रही हूं. तीन साल पहले तक मुझे पोलर वर्ल्ड के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और अब यक़ीन नहीं हो रहा है कि मैं यहां पहुंच गई. यहां तक पहुंचना मुश्किल था और मैं उन सभी की शुक्रगुज़ार हूं जिन्होंने मेरा समर्थन किया.’
कैप्टन चंडी अपने सफ़र के दौरान ब्लॉग्स अपलोड करती रहीं और उन्होंने अपना ट्रेकिंग मैप भी शेयर किया.
कैप्टन हरप्रीत चंडी, उत्तर पूर्व इंग्लैंड के मेडिकल रेजिमेंट की सदस्य हैं. साउथ पोल तक ट्रेक करने से पहले उन्होंने French Alps में Crevasse ट्रेनिंग की. उन्होंने आइसलैंड के Langjökull Glacier तक ट्रेक किया है और बर्फ़ से ढके ग्रीनलैंड में 27 दिन बिताए हैं. भारी टायर खिंचने की प्रैक्टिस कर के उन्होंने ख़ुद को स्लेज खिंचने के लिए तैयार किया.
Twitter/Preet Chandi
सिर्फ़ 19 साल की उम्र में हरप्रीत चंडी ने आर्मी रिज़र्व्स जॉइन किया था और 25 साल में वे रेगुलर आर्मी की सदस्य बन गई थीं.
कैप्टन हरप्रीत चंडी की इस सफ़लता पर आपका क्या कहना है?