Haryana cabinet : मंत्रियों के बदलेंगे महकमे, विभागों के विलय पर मुहर, अब होगी अदला-बदली

बुधवार को यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में एक प्रकृति के विभागों के विलय को मंजूरी दे दी गई। 25 से अधिक विभाग मर्ज कर नए नाम के साथ 10 बना दिए गए हैं। अब किसी भी समय सरकार मंत्रियों के विभागों में अदला-बदली कर सकती है।

कैबिनेट बैठक...

हरियाणा सरकार के मंत्रियों के महकमों में फेरबदल पर मुहर लग गई है। बुधवार को यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में एक प्रकृति के विभागों के विलय को मंजूरी दे दी गई। 25 से अधिक विभाग मर्ज कर नए नाम के साथ 10 बना दिए गए हैं। अब किसी भी समय सरकार मंत्रियों के विभागों में अदला-बदली कर सकती है।

मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, गृह मंत्री सहित अधिकतर मंत्रियों के विभाग बदलेंगे। विभिन्न विभागों के कामकाज में बेहतर तालमेल और कार्यप्रणाली सुधारने के लिए विभागों के विलय एवं पुनर्गठन का निर्णय लिया गया है। निदेशालय, सार्वजनिक उपक्रम और प्राधिकरण पहले की तरह काम करते रहेंगे। वरिष्ठता के कानूनी मुद्दों से बचने के लिए वर्तमान में किसी भी कर्मचारी काडर का विलय नहीं किया जाएगा।

ऊर्जा विभाग

  • नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग का विद्युत विभाग में विलय। विभाग का नाम बदलकर ऊर्जा विभाग किया।

  • सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं अंत्योदय विभाग

  • अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का विलय करने के बाद नाम बदलकर सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं अंत्योदय विभाग किया गया है।

उच्चत्तर शिक्षा विभाग

    • उच्चतर शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का विलय कर उच्चत्तर शिक्षा विभाग किया गया

हैरिटेज और पर्यटन विभाग

  • पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग का पर्यटन विभाग में विलय। विभाग का नाम बदलकर हैरिटेज और पर्यटन विभाग किया

पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग

  • वन एवं वन्य जीव विभाग, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का विलय। नाम बदलकर पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग किया

सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग

  • कला एवं संस्कृति विभाग का विलय सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के साथ किया। नाम बदलकर सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग किया

युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमशीलता विभाग

  • खेल विभाग से युवा मामलों का कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग और रोजगार विभाग के साथ विलय। विभाग का नाम युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमशीलता विभाग किया।

उद्योग एवं वाणिज्य विभाग
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को भंग किया। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, निजी आईटी को उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के दायरे में लाए। ई-गवनेंर्स से जुड़े कार्य, विषयों और परियोजनाओं, शासन में आईटी के उपयोग को नागरिक संसाधन सूचना विभाग को फिर से आवंटित किया जाएगा। हारट्रोन एक इकाई के रूप में रहेगा और उद्योग विभाग को आवंटित होगा।

सामान्य प्रशासन विभाग
-निगरानी एवं समन्वय विभाग और प्रशासनिक सुधार विभाग का सामान्य प्रशासन विभाग में विलय किया। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग, हरियाणा लोक सेवा आयोग, सीईटी के संबंध में नीतियां मानव संसाधन विभाग को हस्तांतरित किए गए थे। उन्हें वापस सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपा जाएगा। आपूर्ति एवं निपटान निदेशालय उद्योग एवं वाणिज्य विभाग से वित्त विभाग में स्थानांतरित होगा।

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग
-चकबंदी विभाग, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का विलय कर दिया गया है। नाम बदलकर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग किया। फायर सर्विस, फायर सेफ्टी निदेशालय को शहरी स्थानीय निकाय से राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में स्थानांतरित किया जाएगा।

नगरपालिकाओं के कोर एरिया में मिक्स लैंड यूज को मंजूरी

हरियाणा की नगरपालिकाओं के कोर एरिया में अब मिक्स लैंड यूज की अनुमति होगी। मिक्स लैंंड यूज लागू होने पर नगरपालिकाओं के कोर एरिया में आवासीय के साथ ही वाणिज्यिक, संस्थागत और लघु-सूक्ष्म उद्योग इत्यादि गतिविधियां की जा सकेंगी। मंत्रिमंडल ने हरियाणा नगर निगम अधिनियमों में संशोधन कर नगरपालिकाओं के कोर एरिया यानि मुख्य क्षेत्र की परिभाषा शामिल कर दी है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक में इस पर मुहर लगाई गई। संशोधन में कोर एरिया के बारे में विस्तार से समझाया गया है। नए नियमों के लागू होने से नगरपालिका सीमा क्षेत्र में बसे लोगोंं को बड़ा फायदा होगा। चूंकि, पचास साल पहले नियोजित या विकसित नगरपालिका की सीमा में शहरीकरण के कारण काफी निर्माण हुआ है, लेकिन समय की कमी के कारण भूमि उपयोग की पुनर्योजना नहीं बनाई जा सके। पुर्नसीमांकन के बाद नगरपालिकाओं में गांव का निर्मित क्षेत्र भी शामिल हुआ है, इसलिए कोर क्षेत्र की परिभाषा स्पष्ट करनी पड़ी।

कोर एरिया की परिभाषा शामिल करने के लिए हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 में संशोधन कर हरियाणा नगरपालिका (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2022 और हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 में संशोधन कर हरियाणा नगर निगम (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2022 के प्रारूप को स्वीकृति दी गई। इन संशोधन विधेयकों को पारित करने के लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सदन पटल पर रखने की तैयारी है।

मिक्स लैंंड यूज लागू करने के लिए नियम बनाना और शुल्कों में वसूली इत्यादि को लेकर साफ निर्देश जरूरी हैं। सरकार भविष्य में किसी भी पचड़े से बचना चाहती है, इसलिए कोर एरिया को परिभाषित कर दिया गया है।

सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन मंजूर

मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी दी गई। अब एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी को भी दो साल की बाल देखभाल छुट्टी की अनुमति होगी।