Delhi Shraddha Murder Update: श्रद्धा वाकर मर्डर केस में दिल्ली पुलिस अपने तरीके से जांच में जुटी है। आफताब को गिरफ्तार कर पुलिस जंगल भी ले गई थी। वहां उन्हें जंगल से कई हड्डियां बरामद हुई हैं। लेकिन यह कह पाना मु्श्किल है कि वह हड्डियां इंसान की है जानवर की। एक और बात यह है कि पुलिस की जांच में अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सच में श्रद्धा की मौत हो चुकी है।
नई दिल्ली : आफताब की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और एफएसएल की टीम ने जंगल से कई हड्डियां बरामद तो की हैं, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि ये हड्डियां इंसान की हैं या किसी जानवर की। एफएसएल लैब में सैंपल पहुंचने के बाद श्रद्धा के परिवारवालों से डीएनए मैच कराया जाएगा। वहीं, पुलिस की अब तक की जांच में इस बात की कोई पुष्टि नहीं हो पाई है कि सच में श्रद्धा की मौत हो चुकी है। अगर बरामद सैंपल का डीएनए श्रद्धा के परिवारवालों से मैच नहीं हुआ, तो पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह साबित करने की होगी कि आखिर श्रद्धा हैं कहां?
एफएसएल के पास अभी नहीं पहुंचे हैं सैंपल
इस मामले में अभी तक एफएसएल की टीम को 10-12 और पुलिस को 9 हड्डियां मिली हैं। लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि बरामद हड्डियां इंसान की हैं या किसी जानवर की। एफएसएल रोहिणी की डायरेक्टर दीपा वर्मा का कहना है कि उनकी टीम लगातार इस मामले में पुलिस की बताई जगह से सैंपल उठा रही है। इसमें क्राइम सीन डिविजन के हेड संजीव गुप्ता की टीम ने जंगलों और नाले से सैंपल उठाए हैं। लेकिन बरामद तमाम सैंपल पुलिस के माध्यम से ही एफएसएल के पास आएंगे। अभी तक उनकी लैब में कोई सैंपल नहीं पहुंचा है। बरामद सैंपल का डीएनए श्रद्धा के परिवार से कराया जाएगा। इसके लिए श्रद्धा के पिता और जरूरत के हिसाब से भाई का भी सैंपल लेकर डीएनए मैच कराया जाएगा। इसके लिए एक से दो सप्ताह का वक्त लग सकता है। हालांकि, यह पुलिस पर निर्भर है कि वह इस मामले में कितनी जल्दी सैंपल उठाकर इसके नमूने एफएसल को भेजती है और उन्हें कितनी जल्दी इसकी रिपोर्ट चाहिए। क्योंकि एफएसएल के पास जब तक तमाम सैंपल नहीं आ जाते। तब तक इनका डीएनए मैच कराने की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकती। डीएनए मैच होने के बाद ही यह सुनिश्चित हो पाएगा कि बरामद हड्डियां सही में श्रद्धा की ही हैं या नहीं।
अभी तक श्रद्धा की हत्या की पुष्टि नहीं
मामले की जांच कर रही साउथ दिल्ली की महरौली थाना पुलिस की जांच में अभी तक ऐसा कुछ सामने नहीं आया है, जिसमें पुख्ता तौर पर यह कहा जा सके कि सही में श्रद्धा की हत्या को चुकी है। अभी तक जो भी हालात और जांच चल रही है। वह सारी गिरफ्तार आफताब के हिसाब से ही चल रही है। पुलिस को तो अभी तक वह आरी भी नहीं मिली है, जिससे श्रद्धा के शव को काटा गया, ना ही श्रद्धा का मोबाइल फोन और ना ही घर से श्रद्धा के कोई कपड़े या अन्य चीजें। अगर बरामद सैंपल का डीएनए श्रद्धा के परिवार वालों से मैच नहीं हुआ, तो पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती ही यही साबित करने की होगी कि श्रद्धा कहां हैं? अभी तक की जांच में पुलिस को जो भी चीजें बरामद हुई हैं। इनमें से किसी से भी श्रद्धा की मौत की पुष्टि नहीं हो पा रही है। हालांकि, मंगलवार को भी पुलिस आफताब को जंगलों में लेकर गई और कुछ सैंपल उठाए। बुधवार को भी पुलिस आफताब को किसी और जगह लेकर जाएगी।
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श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब ने हॉलिवुड टीवी सीरीज डेक्सटर देखकर शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। इसके लिए वह अगले दिन सुबह मार्केट जाकर पॉलिथीन और फ्रिज खरीदकर लाया। जिस वक्त उसने श्रद्धा की हत्या की। तब श्रद्धा को जरा सा भी मौका बचाव करने का नहीं मिला। उसने पहले श्रद्धा का मुंह दबाया फिर उन्हें फर्श पर गिराकर उसने उनकी छाती पर बैठकर गला घोंटकर उनकी हत्या कर डाली। फिर शव को बाथरूम में ले गया। अगले दिन सरिया काटने वाली आरी लाकर उसने शव के 15 से 20 टुकड़े कर दिए। बताया जाता है कि उसने श्रद्धा के सिर को सबसे बाद में काटा और इसे सबसे बाद में फेंका।शव को ठिकाने लगाने के लिए इसने एक से डेढ़ महीने का वक्त लिया।
श्रद्धा की हत्या का कोई पछतावा नहीं
श्रद्धा के साथ आफताब करीब 4 साल से संपर्क में था और करीब दो साल से लिव-इन में था। उसकी उसने एक ही झटके में बेरहमी से हत्या कर डाली। श्रद्धा की इस तरह से हत्या करने का उसे जरा भी पछतावा नहीं है। गिरफ्तार किए जाने के बाद भी आफताब पुलिस के सामने एकदम सामान्य पेश आ रहा है। रात को वह आराम से सो रहा है और खाना भी सामान्य तरीके से खा रहा है। उसके चेहरे और बॉडी लेंग्वेज से कहीं से भी नहीं लगता कि उसने जो किया, उसका उसे कोई पछतावा है। इस बात को देखकर जांच कर रही पुलिस हैरान है। अभी तक आरोपी ने पुलिस को बताया है कि उसने श्रद्धा के शव के अधिकतर टुकड़े धान मिल कंपाउंड के पीछे, एमबी रोड 100 फुटा, श्मशान घाट के पास नाले में और छतरपुर एनक्लेव के पीछे जंगलों में फेंके थे। हो सकता है कि आफताब ने जानबूझकर श्रद्धा के शव को इसलिए काटकर जंगलों में फेंका हो कि इसे जानवर खा जाएंगे।
फ्रिज में कुछ नहीं मिला, रसोई में मिला ब्लड
एफएसएल टीम को इसके फ्रिज में कुछ नहीं मिला। फ्रिज पूरी तरह से धुला हुआ था। टीम को घर की रसोई से कुछ ब्लड के सैंपल जरूर मिले हैं, लेकिन यह बात भी तभी कन्फर्म होगी। जब इसका डीएनए बरामद हड्डियों और श्रद्धा के पिता या भाई से मैच हो जाए। पुलिस को सारा घर साफ मिला। आफताब ने पुलिस को बताया कि उसने फ्रिज और घर के सारे फर्श की सफाई खास केमिकल से की थी, ताकि बाद में कोई भी सबूत ना मिलने पाए। रसोई में मिले ब्लड के कुछ स्पॉट से लगता है कि बाथरूम में शव काटने के बाद कुछ टुकड़े आफताब ने किचन में भी रखे थे। इसके बाद शरीर के किए गए टुकड़ों को इसने फ्रिज में पैक करके रखा। फ्रिज में यह अपने खाने-पीने का कुछ सामान भी रखता था।
आफताब दूसरी लड़की से बढ़ा रहा था नजदीकियां
जांच में यह बात भी सामने आ रही है कि आफताब श्रद्धा के अलावा किसी दूसरी लड़की से नजदीकियां बढ़ा रहा था। उससे यह डेटिंग ऐप के माध्यम से संपर्क में आया था। यह बात भी पुलिस वेरीफाई कर रही है कि क्या श्रद्धा की हत्या करने के अगले दिन घर पर इसने किसी दूसरी लड़की को बुलाया था। इस दौरान इसने श्रद्धा के शव को अलमारी में छिपा दिया था। हालांकि, इसके पड़ोसियों का कहना है कि यह अक्सर रात को घर आता था। खाना बाहर से मंगाता था। रात में आकर पानी भरने के लिए मोटर चलाता था। दूसरे लोगों से कम बोलता था। श्रद्धा के साथ छतरपुर वाले घर में यह 15 मई को आया था। 3 दिन बाद इसने श्रद्धा की हत्या कर दी। इससे पहले यह सैदुल्लाजाब के एक हॉस्टल और पहाड़गंज में भी रहा था। मार्च-अप्रैल में यह मुंबई से हिमाचल घूमने गया था। जहां बद्री नाम के एक गाइड ने इसे दिल्ली में जाकर किराए पर रहने की सलाह दी थी। इसके बाद यह हिमाचल से दिल्ली आ गया था।