उद्धव ठाकरे क्या अब शिव सेना पर नियंत्रण खो चुके हैं?

उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी गठबंधन टूटने की क़गार पर नज़र आ रहा है.

शिव सेना नेता एकनाथ शिंदे पार्टी के क़रीब 37 बाग़ी विधायकों के साथ गुवाहाटी में मौजूद हैं. ऐसे में आशंकाएं ज़ाहिर की जा रही हैं कि महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार गिर सकती है.

एकनाथ शिंदे ने वैचारिक मतभेद के आधार पर एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ने की अपील की है. ऐसे में सरकार के अस्तित्व को लेकर अटकलें लग रही हैं.

दूसरी ओर शिव सेना नेता संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि हम महाविकास अघाड़ी छोड़ देंगे, लेकिन इसके लिए विधायकों को 24 घंटे में वापस आना होगा.

उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमें शिव सेना प्रमुख से बात करनी चाहिए. वह मांग उनके सामने रखी जानी चाहिए. हमें वहां बैठकर पत्र-व्यवहार नहीं करना चाहिए. उनकी मांग पर निश्चित रूप से विचार किया जाएगा. हम महाविकास अघाड़ी छोड़ देंगे, लेकिन इसके लिए विधायकों को 24 घंटे में वापस आना होगा.”

संजय राउत

संजय राउत का दावा

उन्होंने यह दावा भी किया कि उनके विधायकों का अपहरण किया गया है. उन्होंने कहा, “उन्होंने कहा कि वो ये बात वो बहुत जिम्मेदारी के साथ कह रहे हैं. इसके साथ ही कहा कि हमारे विधायकों का अपहरण किया गया है और उद्धव ठाकरे जल्द ही सरकारी निवास ‘वर्षा’ पर वापस लौटेंगे.”

उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि हम गुवाहाटी में मौजूद विधायकों में से 21 के संपर्क में हैं और जब वे मुंबई आएंगे तो हमारे साथ होंगे.

उन्होंने दावे के साथ कहा कि अगर फ़्लोर टेस्ट की बात होगी तो पूरा भरोसा है कि वे महाविकास अघाड़ी के गठबंधन को ही वोट देंगे.

एकनाथशिंदे

बीजेपी के साथ जाने पर एकनाथ शिंदे बोले

इससे पहले बुधवार रात तक शिवसेना के 32 बाग़ी विधायक एकनाथ शिंदे के साथ सूरत में थे लेकिन सूरत से गुवाहाटी पहुंचने के साथ ही इन विधायकों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है. शिंदे को एक अलग दल बनाने और दलबदल विरोधी क़ानून से बचने के लिए शिवसेना के 55 में से 37 विधायकों का ही समर्थन भी चाहिए.

उद्धव ठाकरे ने इस राजनीतिक घमासान के बाद से अभी तक एक बार जनता को संबोधित किया है. इससे पहले उन्होंने अपना आधिकारिक आवास वर्षा छोड़ दिया था और परिवार समेत मातश्री लौट आए हैं. गुरुवार को पार्टी के विधायकों की बुलाई गई थी जिसमें पुत्र आदित्य ठाकरे समेत सिर्फ़ 18 विधायक ही शामिल हुए. इसके बाद एक बैठक वर्षा में भी हुई.

दूसरी ओर बीजेपी ने अभी तक अपने रणनीतिक क़दम को लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिए हैं.

हालांकि गुरुवार शाम को गुवाहाटी में बाग़ी विधायकों से बात करते हुए एकनाथ शिंदे ने शुरुआती संकेत ज़रूर दिए हैं. उन्होंने हा कि हमारे सुख-दुख एक हैं. जो भी होगा, हम उसका एकता के साथ सामना करेंगे. जीत हमारी है.

ऐसा कहते हुए उन्होंने बीजेपी का तो नाम नहीं लिया लेकिन परोक्ष रूप से उसका ज़िक्र किया और कहा कि वे उनका समर्थन कैसे करते हैं.

उन्होंने कहा, “यह राष्ट्रीय पार्टी है. यह महाशक्ति है. उन्होंने मुझे बताया है कि मैंने जो फ़ैसला लिया है वह ऐतिहासिक है और हमारे पास इसके पीछे उनकी पूरी शक्ति है.”