मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनो में जान होती है. पंख से कुछ नहीं होता, हौंसलों से ही उड़ान होती है.’
ये लाइन बिहार में मुंगेर के रहने वाले नंदलाल के ऊपर बिल्कुल फिट बैठती है. जिन्होंने एक बिजली हादसे में अपने दोनों हाथ गंवा दिए. लेकिन उनके हौसले बुलंद रहे. उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. बावजूद इसके पढ़ाई पर ध्यान दिया. अपने पैरों से परीक्षा कॉपी लिखकर दूसरों के लिए मिसाल बने हुए हैं.
बचपन में गंवा दिए दोनों हाथ
मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर नगर के संत टोला के रहने वाले अजय कुमार साह एक गुमटी में अपनी दुकान चलाते हैं. उनके बेटे नंदलाल के दोनों हाथ नहीं हैं. बावजूद इसके उन्होंने पढ़ाई कर इतिहास रचने की ठान ली है. बचपन में ही नंदलाल बिजली करंट की चपेट में आ गए थे. जिसकी वजह से उन्हें अपने दोनों हाथ गंवाने पड़े थे.
पैर से लिखते है परीक्षा की कॉपी
अपनी कमजोरी को नंदलाल ने खुद पर हावी नहीं होने दिया. वो अपने हौसले और मेहनत से नई इबारत लिख रहे हैं. उन्होंने पढ़ाई करने की ठानी. उनके दादा ने उन्हें पैर से लिखने का हुनर सिखाया. इसके बाद नंदलाल परीक्षा की कॉपी अपने पैर से लिखकर आगे बढ़ते रहे. वो एग्जाम में दोनों पांव से लिखते हैं.
IAS बनाना चाहते हैं नंदलाल
नंदलाल कुमार ने साल 2019 में बारहवीं की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से पास की. उन्होंने 500 में से 325 अंक हासिल किए. साल 2017 में हाईस्कूल की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से पास की थी. इस वक़्त वो बीए फर्स्ट ईयर के छात्र हैं. नंदलाल आरएस कॉलेज तारापुर में बीए की परीक्षा दे रहे हैं. वो अपने हाथ न होने की वजह से अपने दोनों पैर से परीक्षा कॉपी लिखकर इतिहास रचना चाहते हैं. नंदलाल का सपना है कि वो भविष्य में आईएएस बनें.