HDFC-HDFC Bank Merger: 21 लाख जमाखातों पर होगा असर, बदल जाएंगे सेविंग, सैलरी अकाउंट और FD के कई नियम

HDFC-HDFC Bank Merger: एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी हाउसिंग फाइनेंस का विलय जून तक पूरा हो जाएगा। इस विलय के बाद ग्राहकों के लिए काफी कुछ बदलने वाला है। इस विलय के बाद खासकर एफडी की ब्याज दरों को लेकर बदलाव देखने को मिल सकता है। यानी आने वाले दिनों में एचडीएफसी बैंक के ग्राहकों को कई बदलाव देखने को मिलेंगे।

नई दिल्ली: निजी सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC BANK) और एचडीएफडी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी का विलय होने जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि ये विलय जून 2023 तक पूरा हो जाएगा। इस मर्जर के बाद से HDFC बैंक के कर्जदाता से लेकर जमाधारकों तक के लिए कई बदलाव होंगे। HDFC बैंक के 21 लाख से अधिक जमाधारक हैं, जिनपर इस मर्जर का असर होने वाला है। इस मर्जर के बाद लोन लेने वाले ग्राहकों से लेकर सेविंग अकाउंट, सैलरी अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट करने वाले ग्राहकों पर इसका असर देखने को मिलेगा। इस विलय के बाद कई नियम बदल जाएंगे, जिसका सीधा असर ग्राहकों पर होने वाला है।

विलय से बाद बदल जाएंगी एफडी की ब्याज दरें

ईटी की खबर के मुताबिक जिन लोगों ने एचडीएफसी में निवेश (Investment in HDFC) किया है उनके लिए इस विलय के बाद काफी कुछ बदल जाएगा। दरअसल दोनों की कंपनियों की ओर से ब्याज दरों में होने वाले अंतर के कारण इस विलय के बाद एफडी की ब्याज दरों में काफी बदलाव होने वाला है। यानी HDFC बैंक में एफडी पर ब्याज दरें HDFC हाउसिंग फाइनेंस की तुलना में कम है। विलय के बाद एफडी की ब्याज दर में बदलाव होगा। इसे उदाहरण के साथ समझने की कोशिश करते हैं। मान लीजिए आपने 66 महीने की अवधि के लिए एचडीएफसी में 2 करोड़ रुपये से कम का FD किया है। वहां आपको 7.45 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। इसी समान अवधि के लिए एचडीएफसी बैंक केवल 7 प्रतिशत ब्याज ऑफर करता है। यानी मर्जर के बाद FD पर मिलने वाले ब्याज दर में बदलाव होगा। बैंक के हिसाब से एफडी की ब्याज दर तय होगी।

FD की ब्याज दरों में बदलाव

इसी तरह से खुदरा जमाकर्ताओं की बात करें तो एचडीएफसी हाउसिंग फाइनेंस 22 महीने से 120 महीने के बीच की अवधि के एफडी पर 6.95 प्रतिशत से 8 प्रतिशत का ब्याज देता है, जबकि एचडीएफसी बैंक समान अवधि के लिए 3 प्रतिशत से 7.5 फीसदी का ब्याज दे रही है। विलय के बाद जिन जमाधारकों ने रिन्यूअल का विकल्प चुना है, उनके एफडी की ब्याज दरों में बदलाव किया जाएगा। यानी HDFC फाइनेंस के जमाधारकों का इस विलय के बाद HDFC बैंक के हिसाब से एफडी पर ब्याज दर का विकल्प मिलेगा। हालांकि उन लोगों के जमा पर इस विलय का असर नहीं पड़ेगा, जिन्होंने रिन्यूअल का विकल्प नहीं चुना है। उन लोगों के लिए कोई बदलाव नहीं होगा। एफडी की ब्याज दरों में बदलाव के अलावा समय से पहले निकासी के नियमों में बदलाव हो सकता है। इसी तरह से सावधि जमा के लिए बीमा पॉलिसी में भी बदलाव किया जा सकता है।

सबसे बड़ा मर्जर

गौरतलब है कि एचडीएफसी हाउसिंग फाइनेंस और एचडीएफसी बैंक के विलय को मंजूरी मिल चुकी है। जून तक इस विलय को पूरी कर लिया जाएगा। ये विलय कॉर्पोरेट जगत के इतिहास का सबसे बड़ा विलय होगा। इस विलय के एचडीएफसी का कंबाइंड एसेट बेस 18 लाख करोड़ से अधिक का होगा।