खेती में ऐसा कमाल कर दिखाया, इस अनोखे किसान को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा,

 देश के एक किसान ने गजब का कारनामा कर दिखाया है और अब वे मीडिया और सोशल में चर्चा का विषय बने हुए हैं। उत्तर प्रदेश में जनपद के प्रगतिशील किसान सेठपाल सिंह को पद्मश्री पुरस्कार (Padma Shri Award) के लिए चयनित किया गया है। उन्हें यह पुरस्कार मार्च अप्रैल में राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में दिया जाएगा।

जनपद के गांव नंदी फिरोजपुर निवासी सेठपाल सिंह (Sethpal Singh) को खेती में नए-नए और अनोखे प्रयोग करने के लिए पहले भी राष्ट्रीय स्तर के कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया हैं। सेठपाल सिंह का खेत किसी प्रयोगशाला के सामान है।

वे अपने 15 हेक्टेयर खेत में धान, गेहूं, गन्ना जैसी फसलों के साथ लौकी, मिर्च, गोभी, जैसी सब्जियों की खेती भी कर लेते हैं। वे इन सब फसलों के साथ सिंघाड़े की भी खेती कर लेते हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकतर किसान गन्ने की खेती करते हैं, परन्तु नंदीफिरोजपुर गाँव के 55 वर्षीय किसान सेठपाल सिंह नया करने को तजब्बो देते रहे हैं। बीते कुछ साल में उन्होंने कमल की भी खेती शुरू की है। इसमें उन्हें कशी सफलता भी मिली है। इसी के चलते उन्हें पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया।

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है की साल 1987 में कृषि में स्नातक की पढ़ाई के बाद सेठपाल ने नौकरी नहीं की, बल्कि खेती किसानी के काम को अपनाया। सेठपाल सिंह ने एक अख़बार को बताया की शुरू शुरू में मैं भी दूसरे किसानों की तरह केवल गन्ना, गेहूं और धान जैसी फसलों की खेती करता रहा, लेकिन इसमें नुकसान अधिक होता था।

फिर मैं कृषि विज्ञान केंद्र गया, तो वहां वैज्ञानिकों से हमें कृषि विविधीकरण (Agricultural Diversification) के बारे जानाकरी दी। बताया गया की इससे किसान हर दिन की कमाई कर सकते है। जानकारी पाकर हम गन्ने की खेती के साथ साथ सब्जियों की भी खेती भी करने लगे।

उन्होंने बताया की बाद में हम सिंघाड़ा भी उगाने (Water Chestnut Cultivation) लग गए। इसके अलावा हम मशरूम की भी खेती (Mushroom Farming) लड़ने लगे। कुछ समय बाद हमने मछली पालन (Machli Palan) और पशुपालन भी शुरू कर दिया।

सेठपाल (Progressive Farmer Sethpal Singh) मौसम और सीजन के हिसाब से सब्जियों की खेती करते हैं। सेठपाल के मुताबिक़ वे पहले पॉलीबैग में सब्जियों की नर्सरी बनाते हैं, फिर उसे खेत में लगाते हैं। गर्मियों के मौसम में कद्दू, करेला, लौकी और ठण्ड के मौसम में मिर्च, मूली, गोभी उगाई जाती है। इसके साथ ही पूरे साल चलने वाला मशरुम भी वे उगाते हैं।