वह ग्रुप के सच्चे सिपाही थे… कौन थे कृष्णकुमार जिनके निधन पर भावुक हुए रतन टाटा

RK Krishnakumar passed away : टाटा ग्रुप की दिग्गज शख्सियत और रतन टाटा के करीबी आर के कृष्णकुमार का निधन हो गया है। वे टाटा संस के पूर्व डायरेक्टर थे। उन्होंने टाटा ग्रुप में कई बड़े पदों पर काम किया था। रतन टाटा और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कृष्णकुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

RK Krishnakumar passes away

नई दिल्ली : टाटा समूह में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे और रतन टाटा के करीबी आर के कृष्णकुमार (RK Krishnakumar) का निधन हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि रविवार शाम कृष्णकुमार का निधन हो गया। पद्मश्री से सम्मानित कृष्णकुमार 84 साल के थे। रविवार को मुंबई स्थित उनके घर पर उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। रतन टाटा और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कृष्णकुमार के इस तरह चले जाने पर शोक व्यक्त किया है। केरल में जन्मे कृष्णकुमार कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। वे टाटा संस के पूर्व डायरेक्टर थे। वे टाटा ग्रुप की आतिथ्य शाखा ‘इंडियन होटल्स’ के प्रमुख पद पर भी रहे। टाटा समूह के अधिकारियों ने कहा कि कृष्णकुमार का अंतिम संस्कार 3 जनवरी को शाम 4.30 बजे चंदनवाड़ी श्मशान घाट में किया जाएगा।

रतन टाटा ने इस तरह किया याद

अपने सहयोगी को याद करते हुए रतन टाटा (Ratan Tata) ने कहा, ‘मेरे दोस्त और सहयोगी आर के कृष्णकुमार के निधन पर मुझे जो दुख हुआ है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। समूह के भीतर और व्यक्तिगत रूप से हमने जो सौहार्दपूर्ण रिश्ते साझा किए, वो हमेशा मुझे याद रहेंगे। वह टाटा समूह के सच्चे सिपाही थे। टाटा समूह और टाटा ट्रस्ट के वफादार हमेशा सभी को बहुत याद आएंगे।’

केरल के मुख्यमंत्री ने भी जताया शोक

टाटा संस के वर्तमान अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने भी टाटा समूह में कृष्णकुमार के ‘विशाल योगदान’ को याद करते हुए शोक व्यक्त किया। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ट्वीट किया कि थलास्सेरी में जन्मे कृष्णकुमार ने राज्य के साथ समूह के संबंधों को मजबूत करने में मदद की। मुख्यमंत्री ने उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।

50 साल तक ग्रुप के साथ किया काम

कृष्णकुमार रतन टाटा के काफी विश्वासपात्र थे। उन्हें ‘केके’ के नाम से जाना जाता था। वे ग्रुप में 50 साल तक सेवाएं देने के बाद 75 साल की उम्र में साल 2013 में रिटायर हुए थे। आर के कृष्णकुमार सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी भी थे, जिनकी टाटा संस में 66% हिस्सेदारी है। उन्होंने ग्रुप की कई कंपनियों में काम किया। बाद में वह आरएनटी एसोसिएट्स और टाटा ट्रस्ट्स के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे। कृष्णकुमार बाद में टाटा ट्रस्ट के माध्यम से परोपकारी गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से शामिल हुए।