दिल्ली में गुरुवार को प्रदूषण इमरजेंसी स्तर पर पहुंच गया। एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 450 के लेवल पर जा पहुंचा, जिसके बाद दिल्ली-एनसीआर में बंदिशों का चौथा और आखिरी चरण लागू कर दिया गया। राजधानी में ट्रकों की एंट्री पर रोक लगा दी गई। इसमें जरूरी सेवाओं से जुड़े ट्रकों के अलावा सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रक शामिल नहीं हैं।
सीएक्यूएम ने साफ किया है कि ग्रैप के अंतिम चरण को लंबे समय तक लागू नहीं रखा जा सकता। ऐसे में 6 नवंबर को एक बार फिर ग्रैप की सब-कमिटी की बैठक होगी और इसमें हालात के अनुरूप फैसला लिया जाएगा। यदि हालात सुधरते हैं तो इस कदम को हटाया भी जा सकता है।
क्यों बिगड़े हालात?
मौसम विभाग के अनुसार हवाओं की स्पीड और दिशा की वजह से हालात बिगड़ रहे हैं। इस समय उत्तर पश्चिमी हवाएं आ रही हैं। उसी इलाके में सबसे अधिक पराली जल रही है। ऐसे में यह हवाएं अपने साथ धुंआ लेकर भी आ रही हैं। यही वजह है कि 5 नवंबर तक हालात सुधरने के आसार नहीं हैं।
क्या-क्या रोक लगाई गई?
- राजधानी में ट्रकों की एंट्री पर रोक। इसमें जरूरी सेवाओं और सर्विस से जुड़े ट्रक के अलावा सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रक शामिल नहीं हैं।
- दिल्ली के अंदर हल्के और मध्यम माल वाहन डीजल ट्रक भी नहीं चल सकेंगे। उन ट्रकों को छूट दी गई है, जो जरूरी सर्विसेज से जुड़े हैं।
- राजधानी और उससे लगते जिलों में बीएस-4 डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगा। इसमें भी इमरजेंसी सर्विस से जुड़ी गाड़ियों को छूट दी गई है।
- एनसीआर में जो इंडस्ट्री क्लीन फ्यूल का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं, वह बंद रहेंगी। इसमें डेयरी, दवाओं और उपकरणों को छूट दी गई है।
- हाइवे, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन आदि जैसे पब्लिक प्रोजक्ट में भी निर्माण पर बैन लगाया गया है।
अभी लागू नहीं, पर सरकार ले सकती है यह फैसले
- दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम।
- स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों को बंद करने के निर्देश।
- गैर जरूरी कमर्शल गतिविधियों को बंद करने के आदेश।
- प्राइवेट गाड़ियों पर ऑड-ईवन सिस्टम लागू करने का आदेश।
लोगों के लिए सलाह
बच्चों, बुजुर्गों और सांस, दिल व अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों को बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। ऐसे लोग अधिक से अधिक समय घर पर बिताएं।