सेहत: गैस्टिक व सांस के रोगों को भगाएगा हिमाचली पास्ता, त्वचा भी निखारेगा

शोधकर्ताओं ने हिमाचल में बहुतायत पाए जाने वाली दुधी और गिलोय से पास्ता की औषधीय और पोषण गुणवत्ता बढ़ाने का काम किया है। इसकी रेसिपी के लिए पेटेंट भी फाइल कर दिया है।

हर्बल पास्ता।

इटली की सिग्नेचर डिश पास्ता को मंडयाली रूप देते हुए वल्लभ कॉलेज मंडी के वनस्पति विज्ञान विभाग ने दुधी और गिलोय से हर्बल पास्ता बनाया है। यह पास्ता औषधीय गुणों से भरपूर है। यह पास्ता कैंसर, गैस और श्वास की बीमारियां से जूझ रहे रोगियों के लिए फायदेमंद होगा। यही नहीं इसके एंटी ऑक्सिडेंट शरीर को चुस्त रखेंगे और त्वचा को निखारेंगे।

वल्लभ कॉलेज मंडी की वनस्पति विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. तारा देवी सेन ठाकुर ने बताया कि पास्ता में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। इसमें फाइबर कम होता है। इससे बनाने में ड्यूरम गेहूं, सूजी या मेदा का उपयोग किया जाता है। इसके अधिक सेवन से मधुमेह, मोटापा और कई रोग हो सकते हैं। इसे देखते हुए शोधकर्ताओं ने हिमाचल में बहुतायत पाए जाने वाली दुधी और गिलोय से पास्ता की औषधीय और पोषण गुणवत्ता बढ़ाने का काम किया है। इसकी रेसिपी के लिए पेटेंट भी फाइल कर दिया है।

इस तरह बनाया पास्ता
यूफोरबिया हिर्टा (दुधी) और टिनस्पोरा कॉर्डिफोलिया (गिलोय) पाउडर के साथ पौष्टिक पास्ता तैयार किया गया है। पास्ता बनाने के लिए 10-15 ग्राम गिलोय पाउडर और 60-85 ग्राम यूफोरबिया हर्टलीव्स पाउडर को 350-450 ग्राम गेहूं के आटे और 350-450 ग्राम सूजी में मिलाकर आटा बना लें।

इसके बाद 1 से 3 ग्राम नमक और 3-5 कप गर्म पानी मिलाकर आटा गूंथ लें। आटे को एक घंटे के लिए रख लें। बेलन या पास्ता मशीन की मदद से बेल लें। इसके बाद पास्ता को मनचाहे आकार में काटें और धूप में सुखाएं। तैयार पास्ता की शेल्फ लाइफ लगभग 3 महीने होती है।

इस तरह पकाएं
तैयार पास्ता पानी में 100 डिग्री सेल्सियस पर नमक डालकर उबाल लें। पानी निकालने के लिए पास्ता को छलनी में निकाल लें। दूसरे पैन में मक्खन या तेल में धनिया, पीसा हुआ टमाटर, कद्दूकस किया प्याज, लहसुन, मिली-जुली सब्जियां मिलाएं। सभी सामग्री को मिलाकर उसमें पास्ता डालकर 5-7 मिनट के लिए उसी तरह पकाएं।

औषधीय गुण
यूफोरबिया हिर्टा (दुधी) पौष्टिक पौधा होने के कारण इसमें बहुत सारे चिकित्सीय गुण हैं। यह गैस्ट्रो-आंत विकारों, श्वसन रोगों, मूत्र रोगों, नेत्र संबंधी बीमारियों, त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली की समस्याओं और ट्यूमर समेत कई बीमारियों को ठीक करने में मददगार है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण होते हैं।