Health Tips : अपने अंदर हावी नेगेटिविटी को इन तरीकों से करें दूर, मिलेगा सुकून

नकारात्मक विचार आने से इंसान पर हावी होने लगता है गुस्सा

कई बार हमारे अंदर नेगेटिविटी (Negativity) हावी हो जाती है। इससे हमारा मूड में चिड़चिड़ापन, गुस्सा, हताशा, चिंता या निराशावाद (Pessimism) की तरफ जाता है। आज आपको इस नेगेटिविटी को दूर करने के लिए आज हम कुछ टिप्स (Tips) देंगे। इससे आपके अंदर नई ऊर्जा का संचार होगा और आपका मन आपके काम में अच्छे से लगेगा। इसके अलावा आपको रात में नींद (Sleep) भी अच्छे से आएगी।

रोजाना मौन में बैठें

हर स्थिति अपने साथ एक सबक लेकर आती है। अगर कुछ ठीक नहीं हुआ, तो अपने साथ मौन (Silence) में बैठें और उच्च शक्ति से कहें कि वह स्थिति से सर्वोत्तम तरीके से निपटने के लिए आपका मार्गदर्शन करें। रोजाना मौन में बैठने से आपको अपने साथ अधिक जुड़ाव रखने में मदद मिलेगी। आपको मार्गदर्शन प्राप्त होगा, जो आपको अधिक पॉजिटिविटी (Positivity) के साथ अपने वांछिंत नतीजे प्राप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका दिखाएगा।

जिनसे नाराजगी है, उन्हें क्षमा करें

आक्रोश हमारे शरीर को तनाव (Stress) में और मन को अराजकता में रखता है, लेकिन इसे अपने वर्तमान विचारों की शक्ति से दूर किया जा सकता है। उन लोगों के बारे में सोचें, जिनके प्रति आप नाराजगी रखते हैं। रोजाना कुछ बार दोहराएं, मैं सभी को क्षमा करना चुनता हूं और मानसिक (Mental) रूप से दूसरों को अच्छे स्वास्थ्य और खुशी का आशीर्वाद दें। इसी के साथ एक अच्छी संगति भी रखें। अपने आप को ऐसे लोगों से घेरना बहुत जरूरी है, जो पॉजिटिव व हंसमुख (Cheerful) है। अपने आसपास खुशी वाले चेहरों को देखकर आपको उनके जैसा बनने की प्ररेणा मिलेगी। उनके सकारात्मक शब्द आपके मनए सोचने व बोलने के तरीके को प्रभावित करेंगे।

खुद से कहें, वह अब मैं नहीं हूं

जब आपके दिमाग (Mind) में चिंता, भय, क्रोध, अपराधबोध या शर्म का कारण बनने वाली बातें आने लगे, तो एक पल के लिए रुकें और उस आवाज से कहे, वह अब मैं नहीं हूं या मुझे इस विचार और भावना की जरूरत नहीं है। अब और नहीं। अपने आप से इस तरह से बात करना तब तक जारी रखें, जब तक की नकारात्मक विचार दूर ना हो जाएं। इससे आप नेगेटिव भावनाओं (Negative Feelings) का कम अनुभव करेंगे।

दोषारोपण-आलोचना में एक क्षण भी व्यर्थ न गवाएं

जो आप दूसरों के बारे में जो बोलते हैं, वह आपकी ऊर्जा के बारे में सक्रिय हो जाता है, इसलिए अपने शब्दों को बदलें, दोषारोपण और आलोचना में एक क्षण भी व्यर्थ न गवांए। इसके अलावा क्या अच्छा हुआ इसके बारे में 5 वाक्य बोलें। जो अच्छा नहीं हुआ, उसके बारे में केवल एक वाक्य बोलें। नेगेटिव बातों से आप अपने जीवन में खुद दुख को आमंत्रण देते हैं, इसलिए सुखद शब्द चुनें। वे आपकी स्थितियो में तेजी से सुधार करेंगे। जैसे, मुझे ऐसा करने से नफऱत है, मैं ऐसा नहीं करना चाहता। इन शब्दों की बजाय, मैं कुछ बेहतर करना चाहता हूं, ऐसे बदलें।