गोरखपुर में खूब बरसा पानी: शहर के जलभराव में अधिकारियों के दावे डूबे, तस्वीरों में देखें पूरा हाल

मानसून की पहली ही बारिश में शहर के अधिकतर इलाकों में पानी भर गया। इस जलभराव में जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों के जलनिकासी के दावे भी डूब गए। शहर के अधिकतर इलाकों में एक से दो फीट तक पानी लग गया। कुछ इलाकों में घरों और दुकानों में पानी घुस गया। सर्वाधिक दिक्कत अधूरे नालों की वजह से हुई।

मेडिकल कॉलेज रोड से सटी कॉलोनियों में बड़ी आबादी जलभराव के कारण घरों में कैद रही। देर रात तक इन इलाकों से पानी नहीं निकल पाया। कुछ इलाके ऐसे भी रहे जहां पिछली साल की तुलना में इस बार तेजी से पानी निकल गया। संसाधनों के अभाव के संबंध में पार्षदों में नगर निगम प्रशासन के खिलाफ आक्रोश दिखाई पड़ा। कोई समय से संपवेल नहीं चलने से व्यवस्था को कोसता रहा, तो कोई पंपों में डीजल नहीं होने से नाराज था।

सिंघड़िया से तुर्रा तक नाला बन जाने से देवरिया रोड पर पानी नहीं लगा। आसपास के इलाकों से भी पानी तेजी से निकल गया। दो-चार मोहल्ले ही ऐसे रहे जहां बारिश बंद होने के बाद जलभराव की स्थिति रही। पीडब्ल्यूडी के आधे-अधूरे मानक विहीन नाले के चलते असुरन से मेडिकल रोड के मोहल्लों की हालत सबसे खराब दिखी। खजांची चौराहे पर पुलिया निर्माण में देरी से स्थिति ज्यादा बिगड़ी। शक्तिनगर के पार्षद आलोक सिंह विशेन का कहना है कि ‘खजांची पर बन रही पुलिया पर पानी का बहाव थम रहा है। ह्यूम पाइप की क्षमता दर्जन भर मोहल्लों का पानी खींचने की नहीं है। असुरन से लेकर खजांची और स्पोर्ट्स कॉलेज रोड पर पानी लगा हुआ है।’

वहीं, देवरिया रोड पर स्थिति नहीं बिगड़ी, लेकिन यहां नगर निगम का संपवेल काफी समय तक नहीं चालू हो सका। इससे प्रेमनगर, वसुंधरा, कृष्णानगर आदि मोहल्लों में जलभराव होने लगा है। पूर्व पार्षद हीरालाल यादव का कहना है कि ‘अभी स्थिति ठीक है, लेकिन संपवेल चालू करने के बाद ही मोहल्लों से पानी निकलेगा।
वहीं, नगर निगम के पंप में डीजल नहीं होने से पार्षदों में गुस्सा दिखाई दिया। भेड़ियागढ़ पार्षद अजय यादव का कहना है कि संपवेल नहीं चल रहा है। पंप में डीजल नहीं है। नगर निगम के अधिकारियों का फोन नहीं उठ रहा है। बेतियाहाता के पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि नगर निगम ने समय रहते जलभराव से निपटने का ठोस प्रयास नहीं किया। उन्होंने शहर में जलभराव का एक वीडियो भी बनाया, जिसे बाद में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ट्वीट किया है।

 उधर, धर्मशाला, रेती रोड, साहबगंज, बिछिया आदि इलाकों में भारी जलभराव से लोगों के घरों और दुकानों में पानी घुस गया। लोग सामान बचाने में जुटे दिखे। गीता प्रेस में भी पानी घुस गया। गोलघर, बेतियाहाता, जफर कॉलोनी, दाउदपुर, रुस्तमपुर में पानी लगा मगर दोपहर बाद निकल गया।

Gorakhpur Monsoon

पादरी बाजार, शाहपुर की कई कॉलोनियों की सड़कें जलमग्न
पादरी बाजार क्षेत्र की 10 से अधिक कॉलोनियों की सड़कें जलमग्न हो गईं। देर शाम तक सड़क पर डेढ़ से दो फीट तक पानी लगा रहा। वहीं, शाहपुर क्षेत्र के कई मोहल्ले तालाब में तब्दील हो गए। घरों तक पानी पहुंच गया। आवास विकास कॉलोनी के ब्लॉक ए, बी, मेसिडोज कंपाउंड, सप्लाई ऑफिस, राप्ती कांप्लेक्स, घोसीपुरवा, पिपराइच रोड पर पानी ओवरफ्लो करने लगा। पादरी बाजार क्षेत्र के सरस्वतीपुरम, ओंकारनगर, विश्वनाथपुरम, शिवपुर साहबाजगंज आदि मोहल्लों में पानी लग गया। शाहपुर पार्षद चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि बरसात का मौसम शुरू होने के पहले ही जलभराव की शिकायत नगर निगम के अधिकारियों से की गई थी। मगर जरूरी कार्रवाई नहीं की गई।
डीएम आवास से 50 मीटर दूर सड़क पर लबालब पानी

डीएम कृष्णा करूणेश के सरकारी आवास से 50 मीटर दूर स्थित सड़क पर लबालब पानी भरा रहा, जो देरशाम तक नहीं निकल सका। इसी सड़क पर एचपी, आरपीएम एकेडमी और पिलर्स स्कूल हैं। लिहाजा, विद्यार्थी, शिक्षक, कर्मचारी और अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। छोटे बच्चे को गोद में लेकर अभिभावक स्कूल परिसर में दाखिल हो सके। घुटने तक पानी से होकर जाना और आना पड़ा। नाले का पानी उफनाकर सड़क पर आ गया। इससे आसपास की नालियां चोक हो गईं। बताया जा रहा है कि स्कूलों के आसपास की नालियों की सफाई लंबे समय से नहीं हुई है। इसलिए पॉलीथिन व अन्य कूड़ा नालियों में भर गया।  पिलर्स स्कूल परिसर में बारिश का पानी घुस गया। ईंटें रखी गईं, तब जाकर शिक्षक व कर्मचारी स्कूल परिसर में दाखिल हो सके।