अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले में शुक्रवार को सुबह सेना का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में तीन सैनिकों की मौत हो गई थी। हेलीकॉप्टर सेना के जवानों को लेकर नियमित उड़ान पर था। मुख्यालय टूटिंग से 25 किलोमीटर दूर मिगिंग के पास सिंगिंग में पूर्वाह्न करीब 10 बजकर 43 मिनट पर हुई।
गुवाहाटी: अरुणाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाके मिगिंग में दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले सेना के उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) से हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) कक्ष को तकनीकी खराबी के बारे में आपात संदेश भेजा गया था। शुक्रवार को हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ घंटे बाद बचाव दलों ने पांच में से चार कर्मियों के पार्थिव शरीर बरामद कर लिए थे। एक सूत्र ने कहा कि दुर्घटना से पहले, हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) कक्ष को तकनीकी या यांत्रिक खराबी के बारे में सूचित किया गया था। सूत्र ने बताया गया कि उड़ान भरने के लिहाज से मौसम अच्छा था। पायलटों के पास इस तरह के हेलीकॉप्टर उड़ाने का संयुक्त रूप से 600 से अधिक घंटे का अनुभव था।
हेलीकॉप्टर को जून 2015 में सेना में शामिल किया गया था। भारतीय सेना ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने भारतीय सेना के लिए यह हेलीकॉप्टर तैयार किया था। यह रुद्र मार्क IV के नाम से भी जाना जाता है।
ट्रैफिक कंट्रोल को भेजा था अलर्ट
रक्षा के पीआरओ ने कहा कि द इंडियन आर्मी एविएशन एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड) ने शुक्रवार सुबह सामान्य क्षेत्र मिगिंग (अरुणाचल प्रदेश में तुतिंग के दक्षिण) में दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले तकनीकी खराबी का सुझाव देते हुए एयर ट्रैफिक कंट्रोल को अलर्ट भेजा था।
कोर्ट ऑफि इंक्वयरी करेगा जांच
एक रक्षा पीआरओ ने कहा, ‘दुर्घटना से पहले, एयर ट्रैफिक कंट्रोल को तकनीकी या यांत्रिक विफलता का सुझाव देते हुए कॉल प्राप्त हुआ था। यह कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का फोकस बनेगा, जिसे दुर्घटना के तुरंत बाद कारणों की जांच के लिए गठित किया गया है।
सेना और वायु सेना की टीमों के साथ तत्काल संयुक्त तलाशी अभियान ने दुर्घटनास्थल का पता लगाया, जहां पहाड़ी ढलानों और घने जंगल के साथ इलाके बेहद चुनौतीपूर्ण हैं।