दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसायटी पर मिस मैनेजमेंट का आरोप लगाने वाली याचिका हाईकोर्ट से खारिज

नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसाइटी (डीपीएसएस) में कुप्रबंधन का आरोप लगाने वाली और उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को इसके मामलों की देखरेख के लिए प्रशासक नियुक्त करने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी.

दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसायटी के खिलाफ हाईकोर्ट में लगी याचिका को खारिज कर दिया गया है. (सांकेतिक फोटो)

उच्च न्यायालय ने कहा कि उसे याचिका में किए गए अनुरोध पर राहत देने का कोई कारण नहीं दिखता. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने इस सप्ताह की शुरुआत में डीपीएसएस के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को हटाने के अनुरोध वाली याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि यह याचिकाकर्ता के आग्रह पर नहीं किया जा सकता और वह भी बिना उन व्यक्तियों को सुने, जिन्हें हटाने की मांग की गई है.

याचिकाकर्ता ने डीपीएसएस चुनावों में कुप्रबंधन का आरोप लगाया और इसके अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कार्यकारिणी समिति के निलंबन के लिए प्रार्थना की. याचिकाकर्ता ने उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को प्रशासक के रूप में नियुक्त करने का भी अनुरोध किया.

पीठ ने कहा, ‘‘इस अदालत की सुविचारित राय में याचिकाकर्ता डीपीएसएस के संबंध में एक सतत जांच चाहता है. वह अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कार्यकारिणी समिति को प्रतिवादी के रूप में शामिल किए बिना उनका निलंबन करवाना चाहता है. याचिकाकर्ता की यह भी मांग है कि उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को सोसाइटी का प्रशासन संभालना चाहिए.’’

याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘इस अदालत की राय है कि याचिकाकर्ता को याचिका में इस तरह की राहत नहीं दी जा सकती है और चुनाव के संबंध में अगर कोई विवाद है तो उपयुक्त मंच के समक्ष उस पर गौर किया जा सकता है.’’ याचिकाकर्ता ने सोसायटी के खातों के फॉरेंसिक ऑडिट के लिए निर्देश देने और उसके बैंक खाते पर रोक लगाने का आदेश देने का भी अनुरोध किया.