मध्यप्रदेश होई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने दुष्कर्म के एक मामले में ऐसा फैसला सुनाया है, जिसे सुनकर नाराजगी जता सकते हैं। दरअसल, कोर्ट ने एक दुष्कर्मी को दयालु बताते हुए उसकी सजा कम कर दी।
चार साल की मासूम के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने आरोपी की सजा कम कर दी। सत्र न्यायालय ने आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। उस फैसले के बाद हाई कोर्ट में आरोपी पक्ष ने अपील की थी।
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, दुष्कर्मी दयालु था। उसने बच्ची की जान नहीं ली। सत्र न्यायालय की ओर से दी गई सजा को 20 साल के कारावास में बदला जा सकता है। हाई कोर्ट ने इस केस में जिला न्यायालय के निष्कर्षों पर भी सहमति जताई है।
हम आपको बता दें, सत्रह साल पहले हीरा नगर थाना क्षेत्र में आरोपी रामू राम सिंह ने चार साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। पुलिस ने उसे इस मामले में गिरफ्तार कर लिया था। साल 2009 में सत्र न्यायालय ने रामू को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में अपील दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने उसकी सजा कम कर दी।