नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को सुनाई सजा पर हाईकोर्ट ने लगाई मोहर

देहरादून के छह साइकलिस्ट 2,000 किमी के सफर पर निकले हैं। खास बात यह है कि यह सभी साइकलिस्ट 60 से 75 साल की उम्र के हैं, लेकिन इनका हौसला पहाड़ जैसा है।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को सुनाई सजा पर अपनी मोहर लगाई है। निचली अदालत ने दोषी को दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। इसके अलावा दोषी पर 17 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया था। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने निचली अदालत के निर्णय को सही ठहराया। 12 सितंबर 2014 को कांगड़ा निवासी विजय कुमार ने पीड़ित को फोन किया कि उसकी बहन बीमार है और फतेहपुर अस्पताल में दाखिल है। दोषी ने पीड़ित को अस्पताल ले जाने के लिए राजी किया। मां की इजाजत से पीड़ित दोषी के साथ उसकी बहन से मिलने चली गई। दोषी पीड़ित को अस्पताल के बजाय अपने घर ले गया और रात के समय पीड़ित से दुष्कर्म किया। अगले दिन पीड़ित ने सारी बात अपनी मां को बताई।

इस घटना की शिकायत पुलिस को दी गई और उचित कार्रवाई की मांग की। मामले की जांच के बाद अभियोजन पक्ष ने दोषी के खिलाफ निचली अदालत में अभियोग चलाया। अभियोजन पक्ष ने दोषी के खिलाफ अभियोग साबित करने के लिए 19 गवाह पेश किए। निचली अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष दोषी के खिलाफ अभियोग साबित करने में सफल रहा है। निचली अदालत ने दोषी को दस वर्ष के कठोर कारावास और 17 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस निर्णय को दोषी ने हाईकोर्ट के समक्ष अपील के माध्यम से चुनौती दी थी। अब हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया है।