‘‘पावर मंत्री’’ के घर में हाई वोल्टेज, अपनों ने ही दौड़ाया करंट…चौतरफा घेराबंदी

नाहन, 25 अक्तूबर : हिमाचल प्रदेश के पावर मंत्री के गृह निर्वाचन क्षेत्र पांवटा साहिब में हाई वोल्टेज राजनीति चल रही है। कांग्रेस ने आखिरी क्षण में पार्टी प्रत्याशी का ऐलान किया तो भाजपा में पावर मंत्री को अपनो ने ही जोरदार झटके दिए हैं।

ये कहना गलत नहीं होगा कि पावर मंत्री को अपनों से ही हाई वोल्टेज करंट (बगावत) का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा ने अब तक डैमेज कंट्रोल का प्रयास नहीं किया है। अकेले खुद ही पावर मंत्री इसमें लगे रहे, लेकिन मंगलवार देर शाम तक भी बगावती अपने फैसले से टस से मस नहीं हुए।

लाजमी तौर पर आपके जेहन में सवाल उठ रहा होगा कि ऐसा क्या हो गया। दरअसल, चौधरी के खिलाफ चंद महीने पहले तक पार्टी के निष्ठावान रहे एक ने नहीं, बल्कि दो ने आजाद नामांकन दाखिल किए हैं। आंजभोंज के मनीष तोमर ने मंगलवार को अच्छी-खासी भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन के बाद नामांकन दाखिल किया।

 इसके अलावा बाहती बिरादरी से रोशन शास्त्री ने भी पर्चा दाखिल कर दिया है। वो भी अपने समर्थकों के साथ पांवटा शहर में कदमताल करते नजर आए। एक संभावना ये भी जताई जा रही है कि पावर मंत्री इस बात का अंदाजा नहीं लगा पाए कि जब अपने ही रूठ जाएं तो किस हद तक नुकसान पहुंचा सकते हैं।

राजनीतिक हलकों में ये भी अटकलें हैं कि सुखराम के विरोधियों ने राजनीति की बिसात पर इस तरीके से गोटियां बिछाई हैं कि उनकी चौतरफा घेराबंदी की जाए।

कांग्रेस के प्रत्याशी किरनेश जंग  चौधरी ने भी मंगलवार को ही नामांकन दाखिल किया। 2017 में हार का सामना करने वाले किरनेश जंग चौधरी ने भी ताकत का प्रदर्शन करने में कोई कोर कसर नहीं रखी। विगत में गौर किया जाए तो कांग्रेस को गुटबाजी का सामना करना पड़ता रहा है, लेकिन इस बार तस्वीर अलग है।

2017 के चुनाव में सुखराम  चौधरी ने अरामदायक जीत हासिल कर ली थी।  चौधरी के 59.11 की तुलना में किरनेश जंग चौधरी को 38.39 प्रतिशत वोट पड़े थे। लेकिन पांच साल पहले भाजपा में इस स्तर ही गुटबाजी नहीं थी।
कांग्रेस प्रत्याशी किरनेश जंग चौधरी की केवल एक ही परेशानी हो सकती है, वो ये कि  पड़ोसी विधानसभा क्षेत्र शिलाई के विधायक व दिग्गज नेता हर्षवर्धन चौहान के साथ छत्तीस का आंकड़ा है।

पांवटा विधानसभा क्षेत्र में एक खास बात ये भी है कि यहां चुनावी दंगल में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी मनीष ठाकुर भी मैदान में हैं। मनीष पार्टी के वो प्रत्याशी हैं, जिनका ऐलान सितंबर महीने में ही कर दिया गया था। मनीष को टिकट मिलने से कांग्रेस छोड़कर आप में आने वाले अनिंदर सिंह नौटी भी बगावती हैं।

उल्लेखनीय है कि 2017 के चुनाव में चार प्रत्याशी ही मैदान में थे। इस बार ये आंकड़ा आधा दर्जन पार कर गया है। 29 अक्तूबर को नामांकन वापस लेने के बाद ही तस्वीर साफ होगी।

11 ने दाखिल किया पर्चा…
पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी व एसडीएम विवेक महाजन ने बताया कि कुल 11 नामांकन पत्र दाखिल हुए हैं। इसमें कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशियों के अलावा मनीष तोमर, रोशन शास्त्री, आम आदमी पार्टी प्रत्याशी मनीष ठाकुर, अश्वनी वर्मा, सुनील चौधरी, शमशेर अली, बीएसपी प्रत्याशी सीमा देवी, रामेश्वर के अलावा अनिंदर सिंह नौटी ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं।

एसडीएम के मुताबिक नामांकन पत्रों की छंटनी के बाद ही ये तय होगा कि कितने प्रत्याशी मैदान में हैं। उन्होंने कहा कि 29 अक्तूबर तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकते हैं।