बीते करीब 27 माह से पीपीएफ की ब्याज दर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है.
नई दिल्ली. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश करने वालों को 27 महीने बाद अब खुशखबरी मिल सकती है. पीपीएफ सहित सभी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में वृद्धि करने का सरकार जल्द ऐलान कर सकती है. सरकारी सिक्योरिटीज यील्ड में उछाल आने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगी. पीपीएफ और अन्य छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की हर तिमाही में समीक्षा की जाती है. इस महीने के अंत में रिव्यू होगा. फिलहाल पीपीएफ पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है. वहीं, सरकार सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने वालों को 7.6 फीसदी की वार्षिक दर से ब्याज दे रही है.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक एक्सपर्ट ने बताया कि स्मॉल सेविंग इनवेस्टमेंट्स और सरकारी सिक्योरिटीज के रिटर्न में सीधा संबंध है. सरकारी सिक्योरिटीज की यील्ड 7.3 फीसदी से ज्यादा हो चुकी है. आमतौर पीपीएफ और अन्य स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरें सिक्योरिटीज की यील्ड से ज्यादा होती हैं. फिलहाल ये दरें बॉन्ड यील्ड से कम हैं. पीपीएफ पर प्रतिभूतियों की औसत ब्याज दर से 1 फीसदी तक ज्यादा ब्याज दिए जाने का प्रावधान है. सरकारी प्रतिभूतियों का मार्केट यील्ड जितना ज्यादा होगा, पीपीएफ जैसी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें भी उसी अनुपात में बढ़ाई जाएंगी.
27 महीनों से ब्याज दर स्थिर
बीते करीब 27 माह से पीपीएफ की ब्याज दर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. पिछली बार अप्रैल-जून 2020 तिमाही के दौरान ब्याज दरों में संशोधन किया गया था. पब्लिक प्रोविडेंटफंड के अलावा छोटी बचत योजनाओं में नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, किसान विकास पत्र, टाइम डिपॉजिट, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और सुकन्या समृद्धिे योजना शामिल हैं.
अब इतना मिल रहा है ब्याज
वर्तमान में पब्लिक प्रॉविडेंड फंड निवेशकों को 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है तो नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट की ब्याज दर 6.8 फीसदी है. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम का इंटरेस्ट रेट 7.4 फीसदी है. वहीं, सरकार सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने वालों को 7.6 फीसदी की वार्षिक दर से ब्याज दे रही है.