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शूलिनी मेले पर माता की शोभा यात्रा का हो सकता है सूक्ष्म रूप : पुजारी पंडित लक्ष्मी कांत

सोलन में शूलिनी माता का राज्य स्तरीय मेला धूम धाम से मनाया जाता है |  इस मेले में हज़ारों की संख्या में लोग सोलन से ही नहीं बल्कि हिमाचल के साथ साथ अन्य राज्यों से भी माता का आशीर्वाद लेने आते हैं | यह मेला तीन दिनों तक चलता है | मेले की शुरुआत माता की शोभा यात्रा से होती है जिसमे देवीदेवताओं की झांकियां भी निकाली जाती है | तीन दिनों तक सोलन को दुल्हन की तरह सजाया जाता रहा है | तीनों दिनों  तक  सोलन के हर मोड़ पर  स्वादिष्ट व्यंजनों के भंडारे लगाए जाते है | यह भंडारे मां  शूलिनी के स्वागत में लगाए जाते है | जब माता शूलिनी पहले दिन शहर की परिक्रमा करती है तो उस दिन विशेष रूप के व्यंजनों से  उन्हें  भोग लगाया जाता है | लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते यह आयोजन  उस भव्यता से होनी की उम्मीद नहीं दिख रही है | जिसके चलते सभी मायूस है | आयोजन समिति के सदस्यों और प्राचीन शूलिनी माता पीठम  के मुख्य पुजारी ने सभी को संयम रखने का आग्रह किया है | 


प्राचीन शूलिनी पीठम  गंज बाज़ार में मुख्य पुजारी पंडित लक्ष्मी कांत  ,माँ शूलिनी देवी ट्रस्ट  के संयोजक धर्मेंद्र ठाकुर और स्थानीय निवासी जय ने इस मौके पर  कहा  कि देश  कोरोना संकट  से जूझ रहा है | वैशविक  महामारी के चलते इस बार मेले को भव्य रूप से नहीं मनाया जा सकता है और न ही   शूलिनी मेले की तिथि में कोई फेर बदल  किया जा सकता है | इस लिए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि माता का मेला सूक्ष्म रूप में रीति रिवाज से मनाया जाएगा | इस लिए वह सोलन वासियों से आग्रह करते है कि सभी शहर वासी जिनकी माता शूलिनी पर अटूट आस्था है वह अपने पर संयम रखें और जो भी आदेश जिला प्रशासन द्वारा दिए जाएंगे उन्हें पूरी तरह माने उन्होंने कहा कि सभी शहर वासी माता शूलिनी में अटूट और असीमित आस्था रखते है इस लिए वह उन से निवेदन करते है कि इस संकट काल में वह घर पर रह कर ही माता शूलिनी का आभार प्रकट करें और उनका आशीर्वाद लें |