पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त निदेशक केवल शर्मा ने बताया कि सभी पंचायती राज संस्थाओं को राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य किया है।
हिमाचल की सभी पंचायती राज संस्थाओं को अब राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए आवेदन करना होगा। इस संबंध में सरकार ने संस्थाओं को पत्र जारी कर दिया है। राज्य पुरस्कार के लिए सभी जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं। मामले पर प्रदेश सरकार ने संज्ञान लेते हुए फरमान जारी किए हैं। राज्य पुरस्कार के रूप में विजेता जिला परिषद को 50,0000, पंचायत समिति को 50,0000 और पंचायतों को 10-10 लाख का पुरस्कार मिलता है।
अब इन पुरस्कारों के लिए जिप, पंस और ग्राम पंचायत में ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करने के बाद ऑनलाइन ही पता चल जाता है कि किस पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के नंबर कितने हैं। इसके बाद प्रदेश सरकार पहले स्थान पर आने वाली पंचायतों, जिप औप पंस का परिणाम घोषित करती है। पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त निदेशक केवल शर्मा ने बताया कि सभी पंचायती राज संस्थाओं को राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य किया है।
ऐसे मिलते हैं पंचायती राज संस्थाओं को अंक
विकास कार्यों, नियमित बैठकों, विकास योजनाओं के क्रियान्वयन, स्वच्छता कार्यक्रम, बच्चों के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रमों को लेकर पंचायती राज संस्थाओं को अंक दिए जाते हैं।
चार जिप ने किया था पुरस्कार के लिए आवेदन
पिछले साल चार जिला परिषद बिलासपुर, ऊना, कांगड़ा और शिमला ने पुरस्कार के लिए आवेदन किया था। सात पंचायत समितियों नादौन, घुमारवीं, नयनादेवी, सदर बिलासपुर, जुब्बल-कोटखाई, चंबा और सिराज ने पुरस्कार के लिए आवेदन किया। इसके अलावा 3,615 पंचायतों में से सिर्फ 15 पंचायतों ने पुरस्कार के लिए हिस्सा लिया था।