राष्ट्रीय राजमार्ग-70 के तहत हमीरपुर से मंडी तक बनने वाले 109 किलोमीटर एनएच के दूसरे पैकेज के टेंडर की प्रक्रिया लटक गई है। चीन की एक कंपनी के एनएच में टेंडर फार्म भरने से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण दुविधा में है।
भारत और चीन के बीच तनातनी का असर विकास कार्यों पर भी दिखने लगा है। राष्ट्रीय राजमार्ग-70 के तहत हमीरपुर से मंडी तक बनने वाले 109 किलोमीटर एनएच के दूसरे पैकेज के टेंडर की प्रक्रिया लटक गई है। चीन की एक कंपनी के एनएच में टेंडर फार्म भरने से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण दुविधा में है। एनएचएआई ने भारत सरकार से सुझाव मांगा है। भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एनएच के दूसरे पैकेज की टेंडर प्रक्रिया के लिए अभी तक एनएचएआई को हरी झंडी नहीं दी है।
एनएचएआई ने मार्च में टेंडर आमंत्रित किए थे। इसमें दो पैकेज के टेंडर अवार्ड हो चुके हैं। तीसरे पैकेज के लिए टेंडर फार्म आमंत्रित करने के चार माह बाद भी न तकनीकी और न ही वित्तीय निविदा की प्रक्रिया पूरी हुई है। यह टेंडर प्रक्रिया रद्द होने के कगार पर है। एनएचएआई नए सिरे से टेंडर आमंत्रित करने की तैयारी कर चुका है।
भारत और चीन के बीच एलएसी पर लंबे समय से विवाद चल रहा है। बीते साल गलवां घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हुई झड़प में कई सैनिक शहीद हो गए थे। अरुणाचल प्रदेश में भी चीन की सीमा पर तनाव की स्थिति है।
हमीरपुर के ठाणा दरोगन से मंडी तक 109 किलोमीटर एनएच के कार्य के लिए मार्च में टेंडर फार्म आमंत्रित किए थे। 109 किलोमीटर के भाग को एनएचएआई ने तीन पैकेज में बांटा है।
पहले और तीसरे पैकेज का टेंडर स्वदेशी कंपनी गाबर को अवार्ड हो चुका है। दूसरे पैकेज का अभी टेंडर नहीं हुआ है। दूसरे पैकेज में चीन की कंपनी ने भी टेंडर फार्म भरा है। मामले में दिल्ली स्थित मुख्यालय से ही अधिक जानकारी मिल सकती है।– अमित चौबे, परियोजना निदेशक, एनएच-70, एनएचएआई हमीरपुर।