हिमाचल: 20 फीसदी कर्मियों ने अभी भी नहीं दिया संशोधित वेतन के लिए विकल्प, जानें वजह

राज्य में ज्यादातर कर्मचारियों ने 2.59 के गुणक का ही चुनाव किया है। क्लर्कों, जेओए आईटी और अन्य प्रभावित श्रेणियों के कर्मचारियों ने भी 15 फीसदी वेतन वृद्धि के विकल्प को ही चुना है।

हिमाचल प्रदेश में 20 फीसदी कर्मचारियों ने अभी तक संशोधित वेतनमान का विकल्प नहीं दिया है। राज्य में ज्यादातर कर्मचारियों ने 2.59 के गुणक का ही चुनाव किया है। क्लर्कों, जेओए आईटी और अन्य प्रभावित श्रेणियों के कर्मचारियों ने भी 15 फीसदी वेतन वृद्धि के विकल्प को ही चुना है। हालांकि 2.25 गुणक के तीसरे विकल्प को बहुत कम कर्मचारियों ने चुना है।

हिमाचल प्रदेश में जिन विभागीय कर्मचारियों को नए संशोधित वेतनमान का लाभ दिया जाना है, उनकी संख्या वर्तमान में करीब एक लाख 80 हजार है। बाकी कर्मचारी बोर्डों और निगमों में हैं। इनमें से लगभग डेढ़ लाख नियमित कर्मचारियों ने विकल्पों को सुझा दिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने इसकी पुष्टि की है कि दो दिन पहले तक डेढ़ लाख कर्मचारियों ने विकल्प सुझाए हैं। 

पहले से ही टैक्स का मूल्यांकन कर चुके हैं कई कर्मचारी
हिमाचल प्रदेश में कई कर्मचारी पहले से ही 31 मार्च तक भरे जाने वाले टैक्स का मूल्यांकन कर चुके हैं, इसलिए भी उन्होंने देरी से विकल्प दिए हैं। इसकी वजह यह है कि उन्हें अपने सीए के पास नए सिरे से विवरण देने के झंझट से बचना होता है। कुछ कर्मचारी यह भी मानकर चल रहे हैं कि बढ़े हुए वेतन के चलते टैक्स भी ज्यादा देना पड़ सकता है। 

अप्रैल के मई में देय वेतन में सभी कर्मचारियों के विकल्पों के आने की संभावना 
हिमाचल प्रदेश में अप्रैल महीने के मई में देय वेतन में सभी कर्मचारियों के विकल्पों के आने की संभावना जताई जा रही है। वित्त विभाग मान रहा है कि अगले महीने से ही शत-प्रतिशत कर्मचारियों को नया संशोधित वेतनमान देने की स्थिति बनेगी।