स्कूल शिक्षा बोर्ड की वार्षिक परीक्षाओं में कम परिणाम देने वाले शिक्षकों की जवाबदेही तय होगी। 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाएं शुरू होने से पहले शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने यह फैसला लिया है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की वार्षिक परीक्षाओं में कम परिणाम देने वाले शिक्षकों की जवाबदेही तय होगी। 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाएं शुरू होने से पहले शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने यह फैसला लिया है। परिणाम बेहतर लाने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय को भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश में बीते कुछ साल से बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम लगातार कम हो रहा है। कोरोना संकट के दौरान परीक्षाएं नहीं होने पर विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रमोट किया गया।
इस कारण बीते वर्ष बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम अपेक्षाकृत कम रहा। अब इस वर्ष परीक्षाएं शुरू होने से पहले ही शिक्षा निदेशालय को शिक्षकों की जवाबदेही तय करने को कह दिया है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि कम परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों से सख्ती से निपटा जाएगा। फिलहाल अभी किसी कार्रवाई के प्रति चेताया नहीं गया है लेकिन, परीक्षा परिणामों में सुधार नहीं आया तो शिक्षकों की वार्षिक इंक्रीमेंट रोकने जैसे सख्त फैसले हो सकते हैं।
मार्च से पहले बैचवाइज-पदोन्नति से भरे जाएंगे पद
शिक्षा विभाग में 31 मार्च से पहले शिक्षकों के बैचवाइज और पदोन्नति से पद भरे जाएंगे। शिक्षा मंत्री के आदेशों पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने इस बाबत कार्यवाही शुरू कर दी है। इन दोनों आधार पर भरे जाने वाले सभी पदों का आंकड़ा निदेशालय ने जुटाना शुरू कर दिया है। कॉलेजों में प्रिंसिपलों के रिक्त पद भी इस प्रक्रिया में भरे जाएंगे।
रूसा ग्रांट लेने को यूटिलाइलेशन सर्टिफिकेट जल्द देने के लिए कहा
प्रदेश के कॉलेजों को प्रति वर्ष उपकरणों की खरीद और आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार से रूसा ग्रांट मिलती है। बीते कुछ माह से यह ग्रांट मिलना बंद हो गई है। कॉलेजों की ओर से बीते कामों को पूरा करने के बाद यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं देने से यह समस्या खड़ी हुई है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कॉलेज प्रिंसिपलों को यह सर्टिफिकेट जल्द जमा करवाने के निर्देश दिए हैं।