हिमाचल: जोइया मामा के बाद अब पीएम मोदी का नाम रखा नरिया मामा, कर्मचारी संगठन हुए मुखर

पूर्व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के ओएसडी रहे डॉ. मामराज पुंडीर की प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की आभार जताने वाली फेसबुक पोस्ट वायरल हो गई है। अन्य कर्मचारी संगठन इसको लेकर मुखर हो गए हैं। 
डॉ. मामराज पुंडीर की  फेसबुक पोस्ट।
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हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के आंदोलन के समय प्रचलित हुए जोइया मामा नाम के बाद पीएम नरेंद्र मोदी का नाम नरिया मामा रख दिया गया है। पूर्व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के ओएसडी रहे डॉ. मामराज पुंडीर की प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की आभार जताने वाली फेसबुक पोस्ट वायरल हो गई है। अन्य कर्मचारी संगठन इसको लेकर मुखर हो गए हैं। मुख्यमंत्री को जोइया मामा नाम से संबोधित करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई की तर्ज पर इन संगठनों ने अब जांच की मांग की है।

सिरमौर जिले की स्थानीय भाषा में बदले गए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कुछ माह पूर्व खूब हंगामा हुआ था। कांग्रेस विधायकों की ओर से विधानसभा में यह नाम लिए जाने पर मुख्यमंत्री ने तल्ख तेवर दिखाए थे। पुरानी पेंशन बहाली के आंदोलन के समय यह नारा लगाने वाले शिक्षकों के विभाग ने प्रशासनिक कारणों का हवाला देकर तबादले कर दिए हैं। अब भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से नजदीकी रखने वाले शिक्षक महासंघ के प्रांत महामंत्री की फेसबुक पोस्ट ने इस मामले को फिर हवा दे दी है। हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, महासचिव हीरालाल वर्मा, वित्त सचिव खेमेंद्र गुप्ता और मुख्य सलाहकार विनोद कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को जोइया मामा कहने वाले शिक्षकों पर तबादलों की गाज गिरी थी।
अब वही नारा जिला सिरमौर से ही संबंध रखने वाले सरकार के समर्थक और शिक्षक संघ नेता डॉ. मामराज पुंडीर ने अपनी फेसबुक पर शेयर किया है। इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नया नाम नरिया मामा दे दिया है। जिस संबोधन को मुख्यमंत्री का अपमान माना गया था। क्या अब पीएम मोदी के लिए प्रयोग किए गए शब्द को भी अपमान माना जाएगा या नहीं? अब शिक्षक पर भी एफआईआर और तबादले की गाज गिरेगी या सरकार के मान अपमान का भी अलग-अलग मापदंड रखा गया है। 

सीएम ने जोइया मामा शब्द का कभी विरोध नहीं किया : पुंडीर
वहीं, हिमाचल शिक्षक महासंघ के प्रांत महामंत्री डॉ. मामराज पुंडीर ने कहा कि वीरेंद्र चौहान बड़े नेता हैं। इनका काम प्रदेश के कर्मचारियों को भड़काना था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जोइया मामा शब्द का विरोध नहीं किया। मैं सिरमोरी हूं और इन शब्दों को समझता हूं। जिन लोगों पर एफआईआर हुई या तबादले हुए, उनका जोइया मामा शब्द से कोई संबंध नहीं है। एफआईआर कानून को तोड़ने की वजह से हुई। इसमें प्रदेश की राजधानी की लाइफ लाइन को बंद कर दिया था। उन्होंने कहा कि वीरेंद्र चौहान सदमे में है। इनको इनके संगठन ने निकाल दिया है। प्रदेश के कर्मचारी अपने जोइया मामा का उदार दिल देख चुके हैं। जब से जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बने हैं। इन्होंने प्रदेश में बहनों, माताओं, बेटियों के लिए दिल खोल कर लाभ दिए हैं।