हिमाचल विधानसभा सत्र: सदन में सीएम जयराम बोले- कर्मचारी नौकरी छोड़कर चुनाव लड़ें और पेंशन के हकदार बन जाएं

मुख्यमंत्री जयराम ठाकु ने कहा कि भत्ते बढ़ाने की गलत सूचना पर कुछ लोग इस प्रकार के कमेंट लिख रहे हैं कि जब कर्मचारियों को पेंशन नहीं तो विधायकों को क्यों। इस पर सीएम ने कहा कि ऐसे कर्मचारी नौकरी छोड़कर चुनाव लड़ें और पेंशन के हकदार बन जाएं। 
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन सदन में तलख दिखे। उन्होंने कर्मचारियों को लेकर अजीबोगरीब बात कही। उन्होंने कहा कि भत्ते बढ़ाने की गलत सूचना पर कुछ लोग इस प्रकार के कमेंट लिख रहे हैं कि जब कर्मचारियों को पेंशन नहीं तो विधायकों को क्यों। इस पर सीएम ने कहा कि ऐसे कर्मचारी नौकरी छोड़कर चुनाव लड़ें और पेंशन के हकदार बन जाएं। सीएम ने कहा कि वह कई बार बड़ी सीधी बात कह देते हैं। उन्होंने विधायकों के आवास और यात्रा भत्ते बढ़ाने की बात को सदन में खारिज करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि विधायकों के संस्थान के खिलाफ  इस प्रकार का व्यवहार करना गलत है। गौर हो कि बजट सत्र के दौरान प्रदेश भर में कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के लिए खूब हल्ला मचाया था।

प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्वाइंट आफ ऑर्डर के तहत विधायकों के भत्ते बढ़ाने संबंधित मामला उठाया। उन्होंने कहा कि विधायकों के भत्ते बढ़ाए जाने की बात से जनता के बीच में फजीहत हो रही है। सैर-सपाटे के लिए राशि बढ़ाने की बात से लोगों के बीच विधायकों की छवि खराब की जा रही है। जानबूझकर सनसनी फैलाई जा रही है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले में कड़ा संज्ञान लेकर कार्रवाई करने और मुख्यमंत्री से इस मामले मेें हस्तक्षेप करने की मांग की। कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने व्यवस्था दी कि यह चिंता का विषय है। इस मामले में संज्ञान लिया जाएगा। कार्रवाई की जाएगी। 

निजी होटल में वास्तविक खर्च पर ही ठहरेंगे विधायक : जयराम 
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों को इलाज व अन्य संबंधित कार्यों के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ जाना होता है। कई बार सरकारी आवासों में कमरे नहीं मिलते हैं। ऐसे में विधायकों को निजी होटल में ठहरने के लिए 7500 रुपये तक के व्यय की व्यवस्था थी। यह अब वास्तविक होगी। यानी अब इसमें यह सीमा नहीं होगी। फाइव स्टार होटल में तो 5000 रुपये तक में भी कमरा मिल जाता है। यात्रा के लिए वार्षिक व्यय की सीमा को पहले से ही चार लाख रुपये किया गया है। इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अधिकांश विधायकों ने यह पैसा खर्च भी नहीं किया है। सीएम ने कहा-हमने सारा डाटा निकाला है, नब्बे फ ीसदी पैसा खर्च ही नहीं होता है। यह सरकार के पास रहता है। 

 

ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा है कि पावर कॉर्पोरेशन को कई तरह से व्यवहार्य नहीं होने वाले प्रोजेक्ट मिलते हैं। प्रश्नकाल के दौरान विधायक रोहित ठाकुर के सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पानी की मात्रा कम होने से सावड़ा कुड्डू परियोजना में बिजली उत्पादन कम हो रहा है। स्थानीय लोगों के दखल, कोर्ट केस के कारण परियोजना लागत बढ़ती है।
मंत्री सुखराम चौधरी ने बताया कि सावड़ा कुड्डू बिजली परियोजना का शिलान्यास 19 जून 2005 को हुआ था। परियोजना पर 2186 करोड़ रुपये व्यय हुए हैं।

बिजली का उत्पादन 21 जनवरी 2021 को आरंभ हुआ। सरकार को इस परियोजना से 8 फरवरी 2022 तक 132.55 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसमें से पावर कॉर्पोरेशन को 115.32 करोड़ और सरकार को 17.23 करोड़ की आय हुई है। डीपीआर के अनुसार बिजली उत्पादन की क्षमता 385.78 मिलियन यूनिट है। बीते एक वर्ष में 306.87 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है। नदी में डीपीआर प्रावधान की तुलना में पानी के कम डिस्चार्ज के कारण बिजली उत्पादन कम हुआ है। 

अप्रैल से प्रदेश में लगाए जाएंगे हैंडपंप : महेंद्र
जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि अप्रैल से प्रदेश में हैंडपंप लगाने का काम शुरू हो जाएगा। विभाग की ओर से जिन-जिन क्षेत्रों के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट दी गई है, वहां हैंडपंप लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 65 क्षेत्रों के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट दी गई है। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने सूखाग्रस्त क्षेत्रों में हैंडपंप नहीं लगाए जाने का मामला उठाया।

सुंदरनगर बस अड्डे में इंटर लाकिंग टाइल डालने पर खर्च होंगे 1.98 करोड़ रुपये 
वहीं, सुंदरनगर बस अड्डे में इंटर लाकिंग टाइल डाली जाएगी। इस पर प्रदेश सरकार 1.98 करोड़ खर्च करेगी। राशि को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। अमर उजाला अखबार ने (पानी की निकासी न होने से टूटा सुंदरनगर बस अड्डा) खबर को प्रकाशित किया था। मंगलवार को सुंदरनगर भाजपा विधायक राकेश जम्वाल ने नियम – 62 के तहत विधानसभा में यह मामला उठाया। इस पर परिवहन मंत्री ने स्थिति स्पष्ट की है कि बस अड्डा सुंदरनगर में पानी की निकासी के लिए भूमिगत पाइप बिछाए गए हैं। इससे बस अड्डे पर इकट्ठे पानी को सीधा खड्ड में भेजा जाता है। बरसात के चलते पाइप में कूड़ा फंस जाता है। दूसरी ओर बस अड्डे के बाहर उच्च राष्ट्रीय मार्ग -21 गुजरता है, जिसकी ढलान बस अड्डे की ओर है। ऐसे में पानी बस अड्डे पर आता है। बस अड्डे का परिसर भी उखड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बस अड्डे के साथ एक पार्क है, जिसमें कुछ पेड़ हैं। इनको हटाना आवश्यक है। क्षेत्रीय प्रबंधक सुंदरनगर ने वन विभाग से यह मामला उठाया है।