कोविड के बाद शिक्षा के स्तर में पिछड़ा हिमाचल

हमीरपुर, 28 मई : पूरे देश में गत वर्ष हुए नेशनल अचीवमेंट सर्वे (National Achievement Survey) की रिपोर्ट ने हिमाचल के शिक्षा स्तर में गिरावट दर्शाई है। चिंताजनक यह है कि इस सर्वे में हिमाचल की स्थिति वर्ष 2017 में हुए सर्वे के परिणामों से भी बदतर हो गई है। शिक्षा में नंबर वन होने की डगर पाने के लिए अभी बहुत मुश्किलें शिक्षकों और अभिभावकों के समक्ष हैं। इस सर्वे में हिमाचल के सरकारी और प्राइवेट मिलाकर 1964 स्कूल शामिल थे और 43573 विद्यार्थियों व 8576 शिक्षकों का यह सर्वे गत वर्ष हुआ। 

बच्चों का टैस्ट में प्रदर्शन देखें तो बेसिक ज्ञान से भी कम स्तर पर सरकारी और प्राईवेट स्कूलों के विद्यार्थियों का आंकड़ा चौंकाने वाला है। भाषा में कक्षा तीसरी के 32 प्रतिशत , कक्षा पांचवी के 22 प्रतिशत , आठवीं कक्षा के 14 प्रतिशत, दसवीं कक्षा की अंग्रेज़ी विषय में 16 प्रतिशत और आधुनिक भारतीय  भाषा में 46 प्रतिशत बच्चों को आधारभूत ज्ञान भी नहीं है और गणित विषय में तीसरी के 26 प्रतिशत , पांचवी कक्षा के 41 प्रतिशत , आठवीं कक्षा के 27 प्रतिशत , दसवीं कक्षा में 34 प्रतिशत और बच्चों को आधारभूत ज्ञान भी नहीं है । 

पर्यावरण अध्ययन विषय में तीसरी के 24 प्रतिशत और पांचवी के 39 प्रतिशत विद्यार्थी बेसिक ज्ञान से वंचित हैं। विज्ञान विषय में कक्षा आठवीं के 33 प्रतिशत और दसवीं के 75 प्रतिशत बच्चे मौलिक ज्ञान से महरूम हैं जबकि सामाजिक अध्ययन  विषय में कक्षा आठवीं के 47 प्रतिशत और दसवीं के 60 प्रतिशत बच्चे मौलिक ज्ञान से दूर हैं। कुल मिलाकर सामान्य बेसिक ज्ञान तक सीमित और बेसिक से कम ज्ञान वाले विद्यार्थियों का आंकड़ा कक्षा तीसरी में भाषा में 64 प्रतिशत, गणित में 67 प्रतिशत, पर्यावरण शिक्षा में 61 प्रतिशत, पांचवी कक्षा में भाषा में 64 प्रतिशत , गणित में 89  प्रतिशत , पर्यावरण शिक्षा में 77 प्रतिशत, आठवीं कक्षा  में भाषा में  58 प्रतिशत, गणित में 81 प्रतिशत, विज्ञान  में 71 प्रतिशत, सामाजिक अध्ययन में 85 प्रतिशत है।