हिमाचल प्रदेश ड्रोन नीति-2022 को मंजूरी देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस नीति के बनने से कृषि, बागवानी, वन, उद्योग और गृह विभाग के काम आसान हो जाएंगे। इसके तहत हिमाचल प्रदेश में ड्रोन पायलट तैयार किए जाएंगे। एक ड्रोन पार्क भी बनेगा, जिसके लिए जगह तलाशी जाएगी। सूबे के लाखों किसानों और बागवानों को ड्रोन खरीदने के लिए प्रदेश सरकार उपदान पर 10 लाख रुपये तक का कर्ज भी देगी। जल्द ही सरकार इस नीति के विस्तृत नियम अधिसूचित करेगी। इसके अलावा लॉजिस्टिक्स पॉलिसी-2022 (हिमाचल परिवहन एवं आपूर्ति प्रक्रिया) को भी हरी झंडी दी गई है। इसके तहत उद्योगों से माल और सेब सहित अन्य कृषि उत्पाद बाहरी राज्यों में भेजना आसान हो जाएगा। आधारभूत ढांचा विकसित होने से विकास कार्यों को भी गति मिलेगी।
राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में दोनों नीतियों को मंजूरी दी गई है। ड्रोन नीति के तहत शिक्षा विभाग विभिन्न प्रशिक्षण कोर्स करवाएगा। कृषि-बागवानी विभागों से करार कर किसानों-बागवानों को ड्रोन की नई तकनीक से जोड़ा जाएगा। बीते 31 मई को शिमला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिमाचल को ड्रोन तकनीक से लाभ होने की बात कही थी। यह नीति ड्रोन के उपयोग से शासन और सुधार (गरुड़) के आधार पर निर्मित एक समग्र ड्रोन ईको सिस्टम बनाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020, हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति, हिमाचल प्रदेश स्टार्टअप, नवाचार योजना, राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क जैसे संस्थागत संयोजन के माध्यम से डिजिटल स्काई अवसरों का उपयोग करना है।
ड्रोन के फायदे
खेतों-बगीचों में कीटनाशकों या फफूंदनाशकों का मिनटों में सुरक्षित तरीके से छिड़काव कर सकेंगे
जंगलों में माफिया पर नजर रखी जा सकेगी, आग लगने की सूचना भी मिलेगी
सूबे के अति दुर्गम क्षेत्रों में दवाएं पहुंचाने का काम करेगा ड्रोन
ट्रैफिक को नियंत्रित करने और अपराधियों को पकड़ने में भी मददगार होगा
विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार कर ड्रोन क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध होंगे
अवैध तरीके से चलाए जा रहे ड्रोन को वैध करने के लिए लाइसेंस दिए जाएंगे