मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने माननीयों के सैर-सपाटे की सालाना सीमा को बढ़ा दिया है। विधानसभा की सुख सुविधा समिति से आई सिफारिश को मानते हुए कैबिनेट ने यात्रा भत्ते के हिस्से के रूप में बोर्डिंग एंड लॉजिंग एलाउंस को सालाना अढ़ाई लाख रुपए से बढ़ाकर अधिकतम चार लाख कर दिया है। इस लिमिट को विधायक दो दिन में भी खर्च कर सकता है और साल भर में भी। साथ ही प्रदेश से बाहर होटल कमरा लेने पर लगी 7500 रुपए की सीमा को हटा दिया है। यानी विधायक अब कितना भी महंगा कमरा ले सकते हैं और एक्चुअल बिल क्लेम कर सकते हैं। यह बढ़ोतरी सिर्फ रूल्स में हुई है, इसलिए विधानसभा में विधेयक लाने की जरूरत भी नहीं है। यही नहीं, इसके साथ पूर्व विधायकों के लिए पेंशन बढ़ाने का भी सरकार पर दबाव है और इसके लिए भी विधानसभा सुख सुविधा कमेटी की बैठक बुला ली गई है।
कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कर दी हैं। कर्मचारियों को वित्तीय लाभ में किसी प्रकार का व्यवधान न हो, इसके लिए कर्मचारियों को तीन ऑप्शन दिए गए हैं। 15 फीसदी के ऑप्शन को सरकार पहले लागू कर चुकी है, लेकिन मंत्रिमंडल की मंजूरी इसमें सोमवार को ली गई। इससे पहले सरकार ने 2.25 और 2.59 गुणांक की ऑप्शन प्रदान की थी। इस ऑप्शन से कर्मचारी खुश नहीं थे। कैबिनेट की बैठक में सरकार ने चुनाव को देखते हुए दिल्ली में मीडिया को-ऑर्डिनेटर नियुक्त करने का निर्णय लिया है। मीडिया को-ऑर्डिनेटर को मासिक 90 हजार वेतन दिया जाएगा। कैबिनेट ने शिमला नगर निगम की परिधि में रह रहे रेहड़ी-फड़ी वालांे को जमीन का मालिकाना हक देने के लिए विधेयक के ड्राफ्ट को मंजूरी दी। इसे सोमवार को ही सदन में भी रखा गया है। इसके माध्यम से शिमला शहर में स्लम एरिया में रह रहे लोगों को घर बनाने के लिए सरकार दो बिस्वा जमीन दे सकेगी।
रविवार को फिर बुलाई कैबिनेट
कैबिनेट की अगली बैठक अब 20 मार्च, रविवार को होगी। इससे यह चर्चा छिड़ गई है कि आखिर क्यों यह बैठक संडे को बुलानी पड़ी है। खासकर तब जब मुख्यमंत्री हाल ही में दिल्ली दौरे से लौटे हैं और मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चा हो रही है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि आबकारी नीति को लेकर सरकार ने चर्चा करनी है।