इसके लागू होने पर एक एप की मदद से कोई भी व्यक्ति हिमाचल प्रदेश में बिकने वाली शराब की गुणवत्ता की जांच कर सकेगा। एप के जरिये बोतल पर लगे बारकोड को स्कैन करना होगा। शराब के निर्माण से संबंधित पूरी जानकारी फोन पर ही उपलब्ध हो जाएगी। इससे उपभोक्ता को पता चल सकेगा कि यह शराब असली है या मिलावटी। इसके साथ ही मिलावटी होने की सूरत में वह तत्काल एप की ही मदद से शिकायत भी कर सकेगा। प्रदेश में स्थित सभी बॉटलिंग प्लांट व डिस्टिलरियों से बाहर आने वाली शराब की ऑनलाइन निगरानी के तंत्र के विकसित होने पर अवैध शराब के बिक्री नेटवर्क को तोड़ने में आसानी होगी। नई आबकारी नीति के प्रस्ताव में ठेके की नीलामी करने या पुरानी व्यवस्था के तहत ठेकों का नवीनीकरण ही करने को लेकर सरकार फैसला लेगी। इसके अलावा आबकारी पुलिस के गठन को लेकर भी कैबिनेट फैसला लेगी।
राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने नीति का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज दिया है। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस बाबत चर्चा नहीं हो सकी।
हिमाचल प्रदेश की नई आबकारी नीति को लेकर रविवार को कैबिनेट बैठक बुलाई गई है। राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने नीति का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज दिया है। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस बाबत चर्चा नहीं हो सकी। इसी बैठक में 20 मार्च को दोबारा मंत्रिमंडल की बैठक करने का फैसला लिया गया। राज्य कर एवं आबकारी विभाग के प्रस्ताव के तहत शराब की गुणवत्ता को जांचने के लिए ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम लागू करने की सिफारिश की गई है। इसके लिए मोबाइल फोन एप्लीकेशन तैयार की गई है। हाल ही में मंडी में जहरीली शराब जैसे प्रकरण की पुनरावृत्ति को भविष्य में रोकने के लिए इस सिस्टम को लागू करने की वकालत की गई है।
2022-03-15