छह रोपवे के निर्माण से प्रदेश में पर्यटन कारोबार बढ़ेगा और लोगों की आजीविका के साधन भी बढ़ेंगे। पर्यटन क्षेत्र का हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में सात फीसदी का योगदान है।
हिमाचल प्रदेश में 39 किलीमीटर लंबे छह रोपवे का निर्माण होगा। केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इनके निर्माण के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। जिला कांगड़ा में दो, कुल्लू, चंबा, सिरमौर और बिलासपुर में एक-एक रोपवे बनेगा। पांच रोपवे के निर्माण पर करीब 1,364 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि कुल्लू स्थित रोपवे निर्माण की लागत राशि अभी तय नहीं है।
केंद्र सरकार की ओर से बनाए जा रहे इन रोपवे का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर होगा। राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने फरवरी 2022 में इन छह रोपवे के निर्माण के लिए केंद्रीय मंत्रालय को संस्तुति भेजी थी। पर्यटन और धार्मिक दृष्टि से चार रोपवे बनेंगे। जिला कांगड़ा में पालमपुर थाचड़ी चौगान ग्लेशियर रोपवे और जिला बिलासपुर में बंदला से लुहणू मैदान रोपवे को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा।
अन्य चार रोपवे में कुल्लू में बिजली महादेव, भरमौर से भरमाणी माता मंदिर, सिरमौर के शिरगुल महादेव मंदिर से चूड़धार और जिला कांगड़ा में चामुंडा से हिमानी चामुंडा तक रोपवे को धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। इनके निर्माण से प्रदेश में पर्यटन कारोबार बढ़ेगा और लोगों की आजीविका के साधन भी बढ़ेंगे।
बता दें कि पर्यटन क्षेत्र का हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में सात फीसदी का योगदान है। परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर ने बताया कि रोपवे निर्माण को लेकर सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें बताया है कि सप्ताह के भीतर प्रदेश सरकार को इसका पत्र मिल जाएगा।
रोपवे लंबाई (किमी) निर्माण राशि (करोड़ में)
– पालमपुर थाचड़ी चौगान ग्लेशियर रोपवे 13.5 605
– चामुंडा से हिमानी चामुंडा 6.5 289
– बिजली महादेव रोपवे 3.2 200
– भरमौर से भरमाणी माता मंदिर 2.5 120
– शिरगुल महादेव मंदिर से चूड़धार 10.2 अभी तय नहीं
– बंदला से लुहणू मैदान 3 150