जयराम सरकार में अब तक सात मुख्य सचिव रह चुके हैं। सूत्रों के अनुसार संजय गुप्ता के शुभचिंतक उन्हें मुख्य सचिव बनाने के लिए सक्रिय हैं।
मुख्य सचिव की कुर्सी के लिए राज्य सचिवालय में वरिष्ठ अफसरशाही में शीत युद्ध छिड़ गया है। वर्तमान मुख्य सचिव आरडी धीमान दिसंबर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं, मगर इस कुर्सी को काबिज करने के लिए प्रदेश की अफसरशाही में अभी से जंग छिड़ गई है। मुख्य सचिव की कुर्सी के लिए वरिष्ठता में आगे माने जा रहे प्रबोध सक्सेना की राह आसान नहीं होगी। सूत्रों के अनुसार आला अधिकारियों का एक समूह सक्सेना को पछाड़कर इस कुर्सी को काबिज करना चाह रहा है, क्योंकि वही इस पद के सबसे निकट माने जा रहे हैं।
जयराम सरकार ने 14 जुलाई 2022 को तत्कालीन मुख्य सचिव रामसुभग सिंह को हटाकर आरडी धीमान को मुख्य सचिव बनाया। रामसुभग सिंह 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हीं के 1987 बैच में उनकी पत्नी निशा सिंह भी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं। संजय गुप्ता 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इन तीनों अधिकारियों को सुपरसीड कर आरडी धीमान मुख्य सचिव बने हैं। उनसे पहले रामसुभग सिंह को भी साल भर पहले ही मुख्य सचिव बनाया गया था।
अनिल खाची को समय से पहले सेवानिवृत्ति लेनी पड़ी थी। उन्हें राज्य चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्ति दी गई। उनसे पहले डॉ. श्रीकांत बाल्दी भी बीके अग्रवाल को रिप्लेस कर मुख्य सचिव बने थे। जयराम सरकार में अब तक सात मुख्य सचिव रह चुके हैं। सूत्रों के अनुसार संजय गुप्ता के शुभचिंतक उन्हें मुख्य सचिव बनाने के लिए सक्रिय हैं। कुछ अन्य अधिकारियों की भी इस पद पर निगाह है।