शिमला. सोनिया और राहुल गांधी को ईडी के नोटिस पर हिमाचल प्रदेश के सीएम ने जय राम ठाकुर ने कहा कि भ्रष्टाचार के इस मामले पर कांग्रेस राजनीति कर रही है. प्रदर्शन के बजाए आरोपों को खारिज करने के लिए ईडी के सामने साक्ष्य पेश करें. इस बयान पर शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने बड़ा बयान दिया है. विक्रमादित्य ने शिमला में ईडी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री को सीरयसली नहीं लेते हैं, वो कठपुतली हैं और इनके धागे नागपुर, नाभा और दिल्ली से जुड़े हैं, जितनी चाबी घुमाई जाती है सीएम उतना ही बोलते हैं.
उन्होंने कहा कि सीएम के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं. कांग्रेस विधायक ने कहा कि ये अब आम बात हो गई है कि जो भी केंद्र की भाजपा सरकार के विरोध में आवाज उठाता है, उसके खिलाफ सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स की कार्रवाई शुरू हो जाती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस डरने वाली नहीं है और सत्य के साथ है, राहुल गांधी ने खुद कहा है कि वो भाजपा के बुलावे पर गए हैं, जितनी जांच करनी है कर लें. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने नेताओं के साथ मजबूती के साथ खड़ी है.
कांग्रेस के प्रदर्शन पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि जो लोग जमानत पर हैं वे कांग्रेस कार्यकर्ताओं से दिल्ली को घेरने और भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए जांच एजेंसियों पर दबाव बनाने को कह रहे हैं. उन्होंन कहा कि आज कांग्रेस और राहुल गांधी को कुछ सवालों का जवाब देना चाहिए क्या एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) 1930 के दशक में 5000 स्वतंत्रता सेनानियों की भागीदारी के साथ समाचार पत्र प्रकाशित करने के लिए बनाई गई कंपनी थी? क्या वही कंपनी यंग इंडियंस के माध्यम से गांधी परिवार के तहत अचल संपत्ति का कारोबार नहीं कर रही है? क्या यंग इंडियंस कंपनी का गठन 2010 में 5 लाख रुपये की पूंजी के साथ हुआ था, जिसका स्वामित्व राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास नहीं था, जिनके पास 76% शेयर हैं?
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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूछा कि क्या एजेएल की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की पूरी संपत्ति, जो स्वतंत्रता सेनानियों की थी, यंग इंडियंस कंपनी के माध्यम से एक परिवार को नहीं सौंपी गई थी? राहुल गांधी, सोनिया गांधी की यंग इंडियन कंपनी का डोटेक्स मर्चेंडाइज के साथ क्या संबंध है जो इस गुप्त लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए कोलकाता स्थित हवाला कंपनी है? उन्होंने कहा कि 2010 में एजेएल के सभी शेयर गांधी परिवार के यंग इंडिया को हस्तांतरित कर दिए गए थे और इसके साथ ही एजेएल की 2000 करोड़ रुपये की पूरी संपत्ति गांधी परिवार को एक नकली लेनदेन के माध्यम से दी गई थी.
कश्यप ने कहा कि जनता से चंदे के रूप में कांग्रेस को मिले 90 करोड़ रुपये एजेएल को कर्ज के रूप में दिए गए और बाद में यंग इंडियन को माफ कर दिया गया, जिसने एजेएल से यह कर्ज लिया था. 2010 में यंग इंडिया को एक धर्मार्थ कंपनी के रूप में बनाया गया था, जिसमें 2016 तक कोई धर्मार्थ कार्य नहीं किया गया था, बल्कि इस कंपनी के माध्यम से अचल संपत्ति का काम शुरू हुआ था. उन्होंने कहा कि 2019 में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने, एजेएल और यंग इंडियन के बीच शेयर लेनदेन को दिखावा करार देते हुए, निम्नलिखित टिप्पणी की “एजेएल के शेयरों को यंग इंडिया में स्थानांतरित करने का पूरा लेनदेन और कुछ नहीं, आकर्षक ब्याज का एक गुप्त और गुप्त हस्तांतरण था. यंग इंडिया “आज गांधी परिवार के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए पूरी दिल्ली को बंधक बनाया जा रहा है और कांग्रेस पार्टी द्वारा आम आदमी को असुविधा हो रही है. भाजपा भ्रष्टाचारियों को जवाबदेही से बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी के इस कुत्सित विरोध की कड़ी निंदा करती है.
ये भी बताते चलें कि सीएम ने ये भी कहा था कि ये भ्रष्टाचार का पुराना मामला है और जांच ऐजेंसी निष्पक्षता से अपना काम कर रही है. उन्होंने कहा था कि प्रदर्शन के बहाने कांग्रेस दबाव डालने का काम कर रही है जबकि सच्चाई ये है कि कांग्रेस नेता 2 हजार करोड़ की राष्ट्रीय संपत्ति हड़पना चाहते थे.