Himachal: ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में होगी कस्तूरी मृग, भूरे भालुओं की गणना

ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में दुर्लभ प्रजातियों में शुमार कस्तूरी मृग के गणना की जाएगा। वहीं भूरा भालू के साथ ब्लूशिप की गणना होगी।

ब्लूशिप

जैव विविधता के संरक्षण के साथ वन्य प्राणियों के लिए जीवन रक्षक बने ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में दुर्लभ प्रजातियों में शुमार कस्तूरी मृग के गणना की जाएगा। वहीं भूरा भालू के साथ ब्लूशिप की गणना होगी। पार्क में इन दुर्लभ प्रजातियों के वन्य प्राणियों की मौजूदगी के आंकड़े साल के अंत तक सामने आ जाएंगे। दशहरा के बाद कस्तूरी मृग, ब्लूशीप (नीली भेड़) और भूरा भालू की गिनती आरंभ की जाएगी। इसके लिए करीब 15 से 20 टीमों का गठन किया जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ पार्क प्रबंधक स्वयं सेवियों की मदद लेगा। बताया जा रहा है कि इन इन तीनों वन्य जीवों का ठिकाना ऊंचाई वाले इलाकों में होता है। इसमें ब्लूशीप करीब 3,500 मीटर, कस्तरी मृग 3,000 मीटर तथा भूरा भालू की मौजूदगी समुद्रतल से लगभग 2,500 से 2,800 मीटर की ऊंचाई पर होती है।

तीनों की गणना के अलग-अलग मापदंड रखे गए हैं और इन्हीं मापदंडों के आधार पर गणना की जाएगी। हालांकि पार्क प्रबंधक ने कई साल पहले भी गणना की थी, लेकिन उपरोक्त वन्य जीवों की मौजूदगी के पुख्ता आंकड़े नहीं हैं। पार्क के भीतर कस्तूरी मृग के करीब दस से 12 ठिकाने पाए गए,जहां करीब दो दशक पूर्व औसतन संख्या घनत्व प्रति किलोमीटर दो थी, जो 2019 में बढ़कर 10 से 11 तक पाई गई है। वर्तमान में कस्तूरी मृग की उपस्थिति का खुलासा अब गणना के बाद सामने आएगा। इसके लिए पार्क प्रबंधक ने तैयारियां शुरू कर दी है। पार्क में कस्तूरी मृग सहित किसी भी वन्यप्राणी का शिकार करना अवैध है। इसके लिए पार्क प्रबंधन ने संवेदनशील जगहों पर करीब 35 ट्रैप कैमरों को लगाया गया है।

अक्तूबर के दूसरे सप्ताह से कस्तूरी मृग, ब्लूशीप (नीली भेड़) और भूरा भालू की गणना शुरू होगी। इसमें स्वयं सेवियों की भी मदद ली जाएगी। कस्तूरी मृग की गणना उनके वास स्थलों के आसपास से आवाज के जरिए उनकी गणना होगी, जबकि भूरा भालू व ब्लूशीप की दूरबीन या दूसरे उपकरणों से स्केनिंग कर गणना की जाएगी।