himachal election 2022: टेस्ट में अच्छे अंक लेने वाले अफसरों की लगेगी चुनाव में ड्यूटी

चुनाव प्रशिक्षण के बाद होने वाले टेस्ट में अच्छे अंक लेने वाले अधिकारियों की ही चुनाव में ड्यूटी लगेगी। निर्वाचन आयोग 27 से 30 तक धर्मशाला में प्रशिक्षण देगा। उसके एक माह बाद टेस्ट लिया जाएगा।

भारतीय निर्वाचन आयोग।

हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रशिक्षण के बाद होने वाले टेस्ट में अच्छे अंक लेने वाले अधिकारियों की ही चुनाव में ड्यूटी लगेगी। निर्वाचन आयोग 27 से 30 तक धर्मशाला में प्रशिक्षण देगा। उसके एक माह बाद टेस्ट लिया जाएगा। जो चुनाव अधिकारी पास होंगे, उन्हें आयोग प्रमाणपत्र देगा। दिल्ली से निर्वाचन आयोग ने प्रशिक्षण देने के लिए दस मास्टर ट्रेनर हिमाचल भेजे हैं।  निर्वाचन आयोग ने पहली बार यह व्यवस्था की है। सभी जिलों से करीब सौ चुनाव अधिकारियों को चुनाव कराने संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे पहले चुनाव अधिकारियों को शिमला में पहले चरण का यह प्रशिक्षण दिया जा चुका है। दूसरे तरण का प्रशिक्षण धर्मशाला में दिया जाएगा। चुनाव विभाग के अधिकारी बताते हैं कि मास्टर ट्रेनर के प्रशिक्षण देने के एक माह बाद चुनाव आयोग परीक्षा लेगा। जो चुनाव अधिकारी परीक्षा पास करेंगे, उनको आयोग प्रमाणपत्र भी देगा। चुनाव ड्यूटी देने के लिए परीक्षा पास करनी अनिवार्य है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी मनीष गर्ग कहते हैं कि धर्मशाला में चुनाव आयोग के दस मास्टर ट्रेनर सौ चुनाव अधिकारियों को 27 से 30 सितंबर तक प्रशिक्षण देने को भेजे हैं। इसके एक माह बाद चुनाव अधिकारियों का टेस्ट लेंगे और परीक्षा पास करने वाले अधिकारियों की चुनाव ड्यूटी लगेगी।

चुनाव के चलते सूबे के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहेगी पुलिस की चौकसी

 हिमाचल में इसी साल विधानसभा चुनाव हैं। अक्तूबर में संभावित आचार संहिता के चलते पुलिस विभाग तैयारियों में जुट गया है। प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी बढ़ाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। अवैध खनन और शराब की तस्करी रोकने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान सेवाएं देंगे। शराब, खनन, मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले माफि यों पर ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त की हाल में पुलिस विभाग और जिला उपायुक्तों के साथ बैठक हुई थी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने निर्देश दिए कि विधानसभा चुनाव के चलते शराब, पैसा, अवैध खनन और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस प्रशासन और कर एवं आबकारी विभाग और ईडी का अहम रोल रहता है। जिला सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, चंबा के सीमावर्ती इलाकों में चौकसी बढ़ाने की जरूरत है। पुलिस विभाग तैयारियों में जुट गया है। सीमावर्ती जिलों में नाके लगाए जाएंगे। बाहरी राज्यों से आने वाली गाड़ियों की जांच होगी। जिलों में रात्रि पेट्रोलिंग की जाएगी।