शिमला. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस ने चुनाव लड़ने के इच्छुकों से आवेदन मांगे हैं और एक सितंबर शाम पांच बजे तक आवेदन मांगे गए हैं. इसी कड़ी में बुधवार को शिमला के ठियोग विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने टिकट के लिए आवेदन किया है. दोपहर बाद राठौर पार्टी मुख्यालय राजीव भवन पहुंचे और प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को आवेदन पत्र सौंपा.
दरअसल, हाल ही में राठौर ने बीते सोमवार को अपना जन्मदिन समर्थकों के साथ मनाया था. जनसभा में लोगों ने कुलदीप सिंह राठौर से ठियोग से चुनाव लड़ने की अपील की थी. इस पर कुलदीप सिंह राठौर ने लोगों की बात मानते हुए कहा कि मुझे अपने जन्म भूमि का कर्ज अदा करना है, इसलिए मैं आप लोगों के आग्रह को सहर्ष स्वीकार करता हूं. राठौर के चुनावी मैदान में उतरने के बाद ठियोग में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं.
कुलदीप सिंह राठौर लंबे अरसे से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. कांग्रेस के फ्रंटल आर्गेनाइजेश एनएसयूआई और युवा कांग्रेस में लंबे समय तक काम कर चुके हैं. इसके बाद पीसीसी में भी वह कई पदों पर रहे. वह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने. उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने चार सीटों पर हुए उप चुनाव में जीत दर्ज की थी. साथ ही नगर निगम और पंचायती राज संगठनों के चुनाव में भी कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया था. कुलदीप सिंह राठौर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर सवा तीन साल रहे हैं.
कौन है राठौर
कुलदीप सिंह राठौर के पास संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है. उनके पास संगठन में काम को लेकर कई जिम्मेदारियां भी रहीं. राठौर ने क़ॉलेज के दिन से अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की और साल 1978 में एनएसयूआई में शामिल हुए. इसके बाद वह 1981 से लेकर 1987 तक एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष रहे. उन्हें केंद्रीय छात्र संघ में 1979-80 में अध्यक्ष भी चुना गया था. राठौर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और मीडिया एवं फ्रंटल संगठनों के प्रमुख रह चुके हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में कसुम्पटी और ठियोग निर्वाचन क्षेत्रों से कांग्रेस के टिकट के दावेदार भी रहे. शिमला के कुमारसैन के रहने वाले कुलदीप सिंह राठौर लंबे अरसे तक पार्टी प्रवक्ता भी रह चुके हैं. वह पेशे से वकील भी हैं.
ठियोग है कांग्रेस का गढ़, लेकिन बीता चुनाव हारा था
शिमला का ठियोग कांग्रेस का गढ़ रहा है. यहां से बीता चुनाव हालांकि, कांग्रेस ने हारा था और सीपीएम के राकेश सिंघा यहां से विधायक बने थे. इससे पहले,यहां से कांग्रेस की दिग्गज नेता विद्य़ा स्टोक्स विधायक रही हैं. वह नौ बार की विधायक रह चुकी हैं. अब 90 साल से ज्यादा उम्र होने के चलते अब वह सक्रिय राजनीति से किनारा कर चुकी हैं. बीते चुनाव में यहां से वीरभद्र सिंह ने भी चुनाव लड़ने का फैसला किया था, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी सीट बदल ली थी. यहां पर कांग्रेस को गुटबाजी और प्रत्याशी के चयन को लेकर गफलत की वजह से चुनाव हारना पड़ा था.