मोरिंडा का रहने वाला है आरोपी, दूसरा गिरफ्त में नहीं आया
पंकज नरयाल/ धर्मशाला। हिमाचल विधानसभा ( Himachal Vidhansabha) के बाहर खालिस्तानी झंडेलगाने के मामले में पहली गिरफ्तारी हुई है। खालिस्तान के झंडे लगाने के मामले में गठित की गई एसआईटी ने पंजाब में दबिश दी और वहां से एक आरोपी को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी एसआईटी इंचार्ज आईपीएस विमुक्त रंजन की निगरानी में हुई है। पकड़े गए आरोपी की पहचान हरबीर सिंह पुत्र स्व. राजेन्द्र सिंह रुपनगर, मोरिंडा के रूप में हुई है। वह मोरिंडा जिला शुगर मिल के पास वार्ड नम्बर एक का रहने वाला है।सीएम जय राम ठाकुर ने बताया कि धर्मशाला विधानसभा में हुई घटना में राज्य पुलिस को बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि आज प्रातः पंजाब से इस घटना के एक आरोपी हरविन्द्र सिंह पुत्र राजिन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि आरोपी ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर धर्मशाला में दीवार पर खालिस्तानी झण्डा और भित्ति चित्रण के आरोपों को स्वीकार किया है। हिमाचल प्रदेश पुलिस और पंजाब पुलिस के संयुक्त प्रयासों से दूसरे आरोपी विनीत सिंह को भी शीघ्र ही ढूंढकर गिरफ्तार किया जाएगा।जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश पुलिस ने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए धर्मशाला के सक्षम न्यायालय से तलाशी एवं गिरफ्तारी वारंट प्राप्त किया है।
जानकारी के अनुसार एसआईटी ने बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे मोरिंडा में दबिश देकर हरबीर सिंह को गिरफ्तार किया। इसके अलावा एसआईटी ने रोपड़ के चमकपुर जिले में परमजीत सिंह के घर भी दबिश दी। लेकिन वहां से कोई भी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। यह भी पता चला है कि हरबीर सिंह कुछ लोगों के साथ खालीस्तान का झंडा लगाने के लिए पंजाब से हिमाचल आया था। वे सभी धर्मशाला के नजदीक एक होम स्टे में वे रात को रुके थे। उसके बाद होम स्टे से स्कूटर पर विधानसभा भवन तक गए और रात को झंडे और वॉल राइटिंग करने के बाद उन्होंने इसका वीडियो भी बनाया। कॉल डाटा रिकार्ड के आधार पर पुलिस ने मोरिंडा में छापेमारी की और इस व्यक्ति को पकड़ा है। एसआईटी ने इस केस को लगभग क्रैक कर लिया है और अन्य गिरफ्तारियां भी बहुत जल्द होने वाली हैं। पूछताछ में यह भी पता चला है कि काफी दिनों से यह इस तरह की वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे और कई कोशिशें इसके लिए पहले भी की गई।
8 मई की सुबह धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा परिसर के गेट के बाहर खालिस्तान के झंडे लगाए गए थे। इसके अलावा दीवारों पर भी नारे लिखे हुए थे। इस घटना से हड़कंप मच गया था.और प्रारंभिक जांच के बाद मामले में तुरंत एसआईटी की जांच बिठाने की घोषणा की गई थी।